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शिविर में भूखे-प्यासे अपमान सह रहे दिव्यांग

परीक्षण के लिए आए दिव्यांगों को ठंडी फर्श पर बैठाया सुबह से शाम तक इंतजार फिर भी लौटे होकर निराश

By JagranEdited By: Published: Wed, 22 Dec 2021 10:20 PM (IST)Updated: Wed, 22 Dec 2021 10:20 PM (IST)
शिविर में भूखे-प्यासे अपमान सह रहे दिव्यांग
शिविर में भूखे-प्यासे अपमान सह रहे दिव्यांग

बलरामपुर: दिव्यांगजन को निश्शुल्क मोटराइज्ड ट्राइसाइकिल वितरित करने के लिए विकास भवन में चल रहे तीन दिवसीय परीक्षण शिविर अव्यवस्था का शिकार हो गई है। हालत यह है कि शिविर में आए दिव्यांगजन के लिए बैठने तक की व्यवस्था तक नहीं है। दिव्यांगजन अधिकारी कार्यालय के सामने गिनी-चुनी कुर्सियां होने के कारण उन्हें ठंडी फर्श पर बैठकर अपमान का घूट पीना पड़ रहा है।

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यही नहीं, भूखे प्यासे दिव्यांगजन सुबह से लेकर शाम तक बैठे रहते हैं, लेकिन उन्हें एक कप चाय तक नहीं नसीब नहीं हो रही है। कई दिव्यांगजन तो दो से तीन बार दौड़ चुके हैं। हर बार तकनीकी समिति में शामिल लोग छोटी-छोटी खामियां निकालकर बेवजह दौड़ा रहे हैं। अब न दौड़ाने की मिन्नत करते दिव्यांगजन के दर्द की अनदेखी कर अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा उन्हें अगले दिन फिर आने की बात कहकर टरका दिया जा रहा हैं।

-मथुरा बाजार के अकबरपुर निवासी शहजाद ने कहाकि सुबह आ गया है, लेकिन एक चाय तक नहीं मिली। फत्तेजोत निवासी तजम्मुल ने बताया कि यहां बैठने के लिए कुर्सी है और न ही कोई उनकी परेशानी पूछने वाला है। फत्तेजोत निवासी तजम्मुल ने बताया कि मंगलवार को आया था। आज दोबारा बुला लिया गया। भगवानपुर के गजानंद ने बताया कि सामने से कई अधिकारी आकर चले गए, लेकिन किसी ने जमीन पर बैठे लोगों की परेशानी तक नहीं पूछी।

रानीजोत रछौड़ा के पप्पू ने बताया कि इस कड़ी ठंड में घंटों बैठकर फर्श पर इंतजार करना मुश्किल हो जाता है। अधिकारी बार-बार दौड़ाकर उनके धैर्य की परीक्षा ले रहे हैं। शिविर से लौट रही सेखुइया मोहम्मदपुर की निवासी शकीरुन्निशा ने बताया कि उसका कागज देखते ही कहा गया कि असली प्रमाण पत्र लेकर आइए। इस पर उसने कहा कि जिस दिन मोटराइज्ड ट्राइसाइकिल देना होगा, तब देख लीजिएगा लेकिन कर्मचारी नहीं माने। गुरुवार को फिर बुलाया गया है।

किया जाएगा सुधार:

जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी अजीत सिंह का कहना है कि चाय का इंतजाम था। अन्य जो भी कमियां हैं, उस पर सुधार किया जाएगा।


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