कागजों में बिजली, ग्रामीणों को बिल का झटका
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पवन मिश्र, बलरामपुर
जिले में विद्युत विभाग का खेल निराला है। सभी घरों को रोशन करने के लिए सरकार ने दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति व प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य) चला रखी है, लेकिन जिम्मेदार इसे पलीता लगा रहे हैं। जिले में आठ हजार परिवारों के घर अब तक बिजली नहीं पहुंची है। यही नहीं, 2,400 परिवार ऐसे हैं, जिनके पड़ोस तो रोशन हैं, मगर उनके घर अंधेरा छाया है। अफसर कागजों में लाइन दौड़ाकर विद्युतीकरण का दम भर रहे हैं।
बिना कनेक्शन लग गए मीटर -
उतरौला रोड मार्ग सोनार गांव में अधूरा विद्युतीकरण ग्रामीणों के लिए मुसीबत बन रहा है। यहां खंभे तो लगा दिए गए, लेकिन तार नहीं खींचे जा सके। गांव निवासिनी शुचिकला ने बताया कि कनेक्शन देकर मीटर लगा दिया गया, लेकिन बिजली अब तक नहीं नसीब हुई। सबसे बड़ा झटका उस समय लगा, जब इनके घर बिना बिजली जलाए ही बिल पहुंच गया। इस पर नाराज ग्रामीणों ने मीटर उखाड़ दिया। अमीरुद्दीन, मनोज, रामकुमार, रजनीश, सुशील का कहना है कि कार्यदायी संस्था के ठेकेदार ने कार्य अधूरा छोड़ दिया। यह तो महज बानगी भर है। जिले के करीब 150 गांव ऐसे हैं, जिन्हें कागजों पर तो रोशन कर दिया गया, लेकिन ग्रामीण ढिबरी और लालेटन की टिमटिमाहट में रह रहे हैं।
बिजली को तरसते 2,400 परिवार - जिले के सभी मजरों में घर-घर बिजली पहुंचाने के लिए दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति नई योजना के तहत 130 ग्राम पंचायतों के 260 मजरों को चयनित किया गया था, लेकिन इनमें 67 गांव के 180 मजरे ही बिजली से आच्छादित हो पाए। इन्हें विद्युतीकृत करने के लिए 283 किलोमीटर लाइन बनाई जानी थी, लेकिन 192 किलोमीटर ही लाइन बन पाई। 822 में से 442 लोगों को ही कनेक्शन दिया जा सका। सूत्रों की मानें तो शेष बचे 80 मजरों के 2,400 परिवार बिजली से वंचित हैं।
जिम्मेदार के बोल :
अधिशासी अभियंता सुनील कुमार का कहना है कि कार्यदायी संस्था व उपखंड अधिकारी को सोनार गांव में कार्य पूर्ण कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। सौभाग्य में चयनित गांवों का विद्युतीकरण शीघ्र पूरा कराया जाएगा।