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गन्ना पर्यवेक्षक संघ लामबंद, कार्य बहिष्कार शुरू

गन्ना विकास परिषद तुलसीपुर में तैनात पर्यवेक्षक अमर बहादुर ¨सह को कार्यालय में घुसकर मारने-पीटने की घटना को लेकर उप्र गन्ना पर्यवेक्षक संघ लामबंद हो गया है। जिला गन्नाधिकारी को

By JagranEdited By: Published: Thu, 17 Jan 2019 10:12 PM (IST)Updated: Thu, 17 Jan 2019 10:12 PM (IST)
गन्ना पर्यवेक्षक संघ लामबंद, कार्य बहिष्कार शुरू
गन्ना पर्यवेक्षक संघ लामबंद, कार्य बहिष्कार शुरू

बलरामपुर : गन्ना विकास परिषद तुलसीपुर में तैनात पर्यवेक्षक अमर बहादुर ¨सह को कार्यालय में घुसकर मारने-पीटने के मामले को लेकर उप्र गन्ना पर्यवेक्षक संघ लामबंद हो गया है। जिला गन्नाधिकारी को दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने का मांग पत्र दिया है। घटना के तीन दिन बाद थाना तुलसीपुर की पुलिस ने गन्ना समिति डायरेक्टर व 12 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज नहीं किया है। कर्मचारियों का आरोप है कि पुलिस आरोपितों को बचा रही है।

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गन्ना पर्यवेक्षक संघ तुलसीपुर अध्यक्ष संजीव ¨सह का आरोप है कि 15 जनवरी को अपराह्न चार बजे कार्यालय में गन्ना समिति डायरेक्टर प्रदीप ¨सह, रवि मिश्र व 11 अज्ञात लोग दो गाड़ी से पहुंचे और कार्यालय में घुसकर मारा-पीटा। साथ ही जान से मारने की धमकी देते हुए अपना तबादला करा लेने की चेतावनी दी। घटना में शामिल सभी आरोपितों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के लिए पुलिस को लिखित सूचना दी गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। संघ के जिलाध्यक्ष पलकधारी यादव व महामंत्री दिलीप कुमार श्रीवास्तव ने कहाकि तुलसीपुर, बलरामपुर व उतरौला कार्यालयों में कार्य बहिष्कार कर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। गुरुवार को जिला गन्ना अधिकारी कार्यालय में बैठक कर आरोपितों पर रासुका, सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने व गुंडा एक्ट के तहत रिपोर्ट दर्ज न होने तक आंदोलन जारी रखने का निर्णय लिया गया है। कहाकि जिला गन्ना अधिकारी ने एसपी से वार्ता कर कार्रवाई का आश्वासन दिया है। विवेकानंद ¨सह, कमलेश कुमार चौरसिया, ओम प्रकाश ¨सह, संजीव कुमार ¨सह व बृजभूषण ठाकुर मौजूद रहे। थानाध्यक्ष तुलसीपुर एसके त्रिपाठी के सीयूजी नंबर पर संपर्क किया गया, लेकिन फोन नहीं मिला। एएसपी एसके ¨सह का कहना है कि मामले की जानकारी नहीं है। थानाध्यक्ष से जानकारी कर कार्रवाई की जाएगी। दूसरी तरफ डायरेक्टर प्रदीप ¨सह का कहना है कि उन लोगों का किसी से काई विवाद नहीं हुआ। किसानों से विवाद हुआ था। उसी में किसी ने गाली गलौज किया है। रवि मिश्र ने भी मारपीट की घटना से इंकार किया है।


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