फरमान बेअसर, सिल्ट का हिसाब दबाएं हैं अफसर
सिल्ट सफाई के नाम पर खर्च हुए थे दो करोड़ 58 लाख रुपये सीडीओ को मिला भौतिक सत्यापन का जिम्मा
बलरामपुर : जिले के जलाशयों में सिल्ट सफाई के नाम पर चित्तौड़गढ़ बांध निर्माण खंड ने ढाई करोड़ रुपये का वारा न्यारा कर दिया। कागजों में तो सफाई हो गई, लेकिन सिल्ट का पता नहीं है। गैंसड़ी विधायक की शिकायत पर प्रदेश के जल शक्ति मंत्री ने जिलाधिकारी को निकाली गई सिल्ट के डिस्पोजल व अतिरिक्त सिल्ट की नीलामी का निर्देश दिया था। तत्कालीन डीएम ने चित्तौड़गढ़ बांध निर्माण खंड के अधिशासी अभियंता से जवाब तलब भी किया था, लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात रहा। अब नवागत डीएम ने सीडीओ को सिल्ट सफाई का भौतिक सत्यापन कराने का फरमान जारी किया है। बावजूद इसके अधिकारी सिल्ट बिक्री का हिसाब दबाए बैठे हैं।
साफ हो गए 2.58 करोड़ रुपये :
- चित्तौड़गढ़ बांध निर्माण खंड के अधीन नहरों की सिल्ट सफाई के लिए दो करोड़ 58 लाख रुपये का बजट खर्च किया गया। इस धनराशि से चित्तौड़बढ़ जलाशय समेत गैंसड़ी, रामपुर व बनघोघवा मुख्य नहर, सोनबरसा, गब्बापुर, बभनी, बनगाई, निबिहा, डगमरा, पंडितपुरवा, पचपेड़वा राजवहा, गुरचिहवा, अमवा एवं तिलकहना माइनरों में सिल्ट सफाई का दावा किया जा रहा है।
सर्वे के बाद होगी कार्रवाई :
- चित्तौड़गढ़ बांध निर्माण खंड के सहायक अभियंता गोपाल राम का कहना है कि चित्तौड़गढ़ जलाशय में सिल्ट सफाई का सर्वे कराया जा रहा है। सर्वे में साफ कहा गया है कि गए सिल्ट की मात्रा निकलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
भौतिक सत्यापन की चल रही प्रक्रिया :
- मुख्य विकास अधिकारी अमनदीप डुली का कहना है कि अधिशासी अभियंता चित्तौड़गढ़ बांध निर्माण खंड से सिल्ट सफाई व डिस्पोजल से जुड़ी पत्रावली तलब की गई है। सिल्ट सफाई का भौतिक सत्यापन कराने की प्रक्रिया चल रही है।