बैंकों के फेर में डूब रही बेरोजगारों के स्वावलंबन की उम्मीद
30 उद्यमियों की ऋण फाइल मंजूर फिर भी चक्कर लगाने को मजबूर
बलरामपुर : प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री भले ही बेरोजगारों को नौकरी की आस छोड़ अपना धंधा कर दूसरों को भी रोजगार देने की सीख दे रहे हैं, लेकिन जिले के बैंकों में अधिकारियों की कार्यशैली स्वावलंबन के सपने पर पानी फेर रही है। पूंजी की कमी से सैकड़ों बेरोजगारों के स्वावलंबन बनने का सपना अधूरा रह जाता है। सपना पूरा करने के लिए 30 बेरोजगारों की ऋण फाइलें जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केंद्र से स्वीकृत भी हो गई, लेकिन ऋण नहीं मिल पाया। इंडियन बैंक की शाखाओं में मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना की लंबित 18 फाइलों में चार बलरामपुर, दो हरैया सतघरवा, छह रामनगरा शिवपुरा, चार तुलसीपुर में लंबित हैं। दो फाइलें अन्य बैंकों में फंसी हैं।
..तो 14 दिन में वापस हो जाएंगे 20 लाख :
मार्च बीतने में 14 दिन बचे हैं। यदि इसके पहले स्वीकृति हुई मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना की 18 आवेदकों को ऋण नहीं मिला तो उनके हिस्से की छूट 20 लाख रुपये शासन को वापस करना पड़ेगा।
बेरोजगारों की बढ़ जाएगी परेशानी :
जिला उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन केंद्र के उपायुक्त राजेश पांडेय का कहना है कि स्वीकृति फाइलों में ऋण वितरित नहीं हुआ तो आवेदकों की मार्जिन मनी को वापस करना पड़ेगा। इससे बेरोजगारों की परेशानी बढ़ जाएगी।
साफ्टवेयर की दिक्कत :
लीड बैंक मैनेजर आरएन विश्नोई का कहना है कि इंडियन बैंक में विलय होने के बाद साफ्टवेयर में कुछ दिक्कते आ रही हैं। जिनकी फाइलें स्वीकृति है उन्हें ऋण वितरित किया जाएगा, लेकिन कब तक होगा यह कह नहीं सकते।
प्रशिक्षण के लिए आज होगा साक्षात्कार
बलरामपुर : शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र के पारंपरिक कारीगरों के विकास के लिए विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना संचालित है। इस योजना के तहत पारंपरिक कारीगर दर्जी व बढ़ई की आजीविका के संसाधनों को सु²ढ़ीकरण किया जाएगा। 2020-21 के लिए इन कारीगरों के कौशल वृद्धि के लिए छह दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया जाएगा। प्रशिक्षण निश्शुल्क होगा। प्रशिक्षण में शामिल होने के लिए कारीगरों ने विभाग की पोर्टल पर आनलाइन आवेदन किया था। इनका साक्षात्कार 16 मार्च को उपायुक्त उद्योग कार्यालय में आयोजित किया गया है।