हमरी अटरिया पे आ जा रे सांवरिया, देखा देखी तनिक हुई जाए
एमएलके महाविद्यालय व स्पिक मैके के संयुक्त तत्वावधान में बुधवार को शास्त्रीय गायन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में हमरी अटरिया पर आयो री सावंरिया देखा देखी तनी हो जाई गीत ने श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। भारतीय विधा में गायन की बारीकियों के साथ छात्र-छात्राओं को राष्ट्र की संस्कृति से रूबरू होने का भी मौका मिला।
बलरामपुर : नगर के एमएलके महाविद्यालय व स्पिक मैके के संयुक्त तत्वावधान में बुधवार को शास्त्रीय गायन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में 'हमरी अटरिया पे आ जा रे सांवरिया, देखा देखी तनिक हुई जाए' गीत ने श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। भारतीय विधा में गायन की बारीकियों के साथ छात्र-छात्राओं को राष्ट्र की संस्कृति से रूबरू होने का भी मौका मिला।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि प्रबंध समिति के संयुक्त सचिव बीके सिंह, प्राचार्य डॉ एनके सिंह, मुख्य नियंता डॉ. पीके सिंह व स्पिक मैके के संरक्षक कर्नल विकास गोस्वामी ने दीप प्रज्वलित करके किया। मुख्य कलाकार शास्त्रीय गायक पंडित भोलानाथ मिश्र ने राग गुरजरी तोड़ी पर आधारित 'मन के पंछी बावरे ऐसी वेनु बजाई सांवरे' की तान से शुरुआत की। इसके अलावा 'वन धेनु चरावत कान्हा संग लिए सब ग्वाल बाला', 'मात पिता के गुण गाओ रे गुर के चरण को नित ध्याओ रे', 'ठुमरी बाबुल मोरा नैहर छूटा जाये रे' व 'पायो जी मैंने राम रतन धन पायो' भजन सुनाकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। तबले पर उस्ताद नवाब अली व हारमोनियम पर अभिषेक मिश्र ने संगत किया। इससे पूर्व प्राचार्य ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कलाकारों की प्रसंशा की। कहाकि आज के दौर में युवाओं को इस विधा से जोड़ने में कलाकारों का योगदान अहम है। हमारी परंपरा में शास्त्रीय संगीत व गायन का विशेष महत्व है, जिसके जरिए हम अपनी लुप्त हो रही संस्कृति को बचा सकते हैं। संयोजक डॉ. नीरजा शुक्ला ने धन्यवाद ज्ञापित किया। संचालन आर्या तिवारी ने किया। डॉ. देवेंद्र चौहान, डॉ. आलोक शुक्ल, श्रीप्रकाश मिश्र, मणिका मिश्रा, सीमा पांडेय मौजूद रहीं।