शीतलहरी से बढ़ी गलन, चार डिग्री तक लुढ़का पारा
तापमान अधिकतम 21 व न्यूनतम चार डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। ठंड से निजात पाने को लोग गली-चौराहों पर अलाव सेंकते नजर आए।
बलरामपुर : जिले में ठंड का सितम बढ़ता जा रहा है। लगातार बदली व कोहरे से आम जनजीवन प्रभावित है। शुक्रवार को भी सूर्य देव ने दर्शन नहीं दिए। सुबह घना कोहरा छाया रहा। लगातार कई दिन से धूप न खिलने से तापमान में गिरावट आई है।
तापमान अधिकतम 21 व न्यूनतम चार डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। ठंड से निजात पाने को लोग गली-चौराहों पर अलाव सेंकते नजर आए। जिला कृषि विज्ञान केंद्र पचपेड़वा के मौसम विज्ञानी डॉ. अंकित तिवारी का कहना है कि अगले दो-तीन दिन तक तापमान में गिरावट आएगी। इससे ठंड और बढ़ने के आसार हैं। हवाएं चलने से गलन का भी बढ़ेगी।
कंबल की टूट रही आस : जनवरी का अंतिम सप्ताह चल रहा है, लेकिन अब तक शहरी इलाके में रहने वाले गरीबों को कंबल वितरण के लिए नगर पालिका प्रशासन ने कोई कार्ययोजना नहीं बनाई। नगर के अचलापुर, पहलवारा, भगवतीगंज, मोतीसागर, नई बस्ती, पूरबटोला मुहल्लों में कई गरीब परिवार सर्दी में ठिठुरने को मजबूर हैं, लेकिन अब तक नपाप ने इन्हें कंबल देने की पहल नहीं की है। नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी राकेश कुमार जायसवाल का कहना है कि कोरोना काल में नपाप का खजाना खाली होने से कंबल वितरण नहीं हो सका है।
ठिठुरने को मजबूर तीमारदार : कड़ाके की ठंड शुरू होने के बाद भी जिला महिला अस्पताल प्रशासन की संवेदनहीनता कम होने का नाम नहीं ले रही है। यहां भर्ती होने वाली प्रसूता को अस्पताल से कंबल नहीं नसीब हो रहा है। ऐसे में तीमारदार घर से रजाई व कंबल लाने को मजबूर हैं। यही नहीं, रैन बसेरा में चिकित्सकों का कब्जा बरकरार होने से तीमारदारों को बरामदे की फर्श पर ठिठुरते हुए रात गुजारनी पड़ रही है। खास बात यह है कि जिलाधिकारी श्रुति ने अस्पताल के निरीक्षण के दौरान सीएमएस डॉ. विनीता राय को रैन बसेरा खाली कराने का निर्देश दिया था।