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बिन पोथी पंडित बन रहे सरकारी स्कूलों के नौनिहाल

जिले के 1161 प्राथमिक 260 उच्च प्राथमिक व 390 कंपोजिट स्कूलों के नौनिहालों को अब तक पाठ्य पुस्तक नहीं मिल सकी है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Jul 2022 12:54 PM (IST)Updated: Fri, 22 Jul 2022 12:54 PM (IST)
बिन पोथी पंडित बन रहे सरकारी स्कूलों के नौनिहाल
बिन पोथी पंडित बन रहे सरकारी स्कूलों के नौनिहाल

बिन पोथी पंडित बन रहे सरकारी स्कूलों के नौनिहाल

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जागरण टीम, बलरामपुर : ग्रीष्मावकाश के बाद परिषदीय स्कूल खुले 20 दिन बीत चुके हैं। जिले के 1161 प्राथमिक, 260 उच्च प्राथमिक व 390 कंपोजिट स्कूलों के नौनिहालों को अब तक पाठ्य पुस्तक नहीं मिल सकी है। ऐसे में नन्हे-मुन्ने पुरानी किताबों के सहारे पठन-पाठन करने को मजबूर हैं। बच्चों को किताबें कब तक मिल पाएंगी, इसका जवाब अधिकारियों के पास नहीं है। दृश्य एक : पचपेड़वा के प्राथमिक विद्यालय रमनगरा में प्रधानाध्यापक मोहम्मद अकरम खान व सहायक अध्यापक विभांशु मिश्र उपस्थित मिले। प्रधानाध्यापक ने बताया विद्यालय में 89 विद्यार्थी नामांकित हैं। इस सत्र में अब तक नई पाठ्य पुस्तक नहीं मिल पाई है। बच्चों से पिछले वर्ष की किताबें लेकर नई कक्षा में पहुंचने वालों को पढ़ाया जा रहा है। दृश्य दो : तुलसीपुर के कंपोजिट विद्यालय चौहत्तरकला में भारी बारिश के बावजूद बच्चे उत्साहित होकर स्कूल पहुंचे। 197 बच्चे उपस्थित मिले। प्रधानाध्यापक कय्यूम खान बच्चों को कीड़े की दवा खिला रहे थे। सहायक अध्यापक शिखा मौर्य व अवनीश मौर्य बिना पुस्तक के बच्चों को कक्षा में पढ़ा रहे थे। बताया कि किताबों के अभाव में ब्लैक बोर्ड के माध्यम से पढ़ाया जा रहा है। दृश्य तीन : श्रीदत्तगंज के उच्च प्राथमिक विद्यालय कालू बनकट में प्रधानाध्यापक अशोक कुमार गुप्त, दिलीप चौहान, राम सागर, अख्तर सिद्दीकी व राम नाथ यादव मौजूद मिले। प्रधानाध्यापक ने बताया कि नौनिहालों को पुरानी किताबों से पढ़ाया जा रहा है। नई किताब कब तक आएगी, इसका पता नहीं है। दृश्य चार : हर्रैया सतघरवा के कंपोजिट विद्यालय सकरी में प्रधानाध्यापक राम सेवक बच्चों को एलबेंडाजोल की दवा खिला रहे थे। नामांकित 365 में से 285 बच्चे मौजूद मिले। सहायक अध्यापक किशोरी लाल ने बताया कि अभी किताबें नहीं आई हैं। सहायक अध्यापक फैजान अंसारी बच्चों को पुरानी किताबों से पढ़ाते मिले। दृश्य पांच : रेहराबाजार के कंपोजिट विद्यालय सादुल्लाहनगर में नामांकित 300 में से 60 बच्चे उपस्थित मिले। प्रधानाध्यापक अरशद अब्बासी ने बताया कि किताबें कब तक मिलेंगी, इस बारे में विभाग से कोई सूचना नहीं मिली है। फिलहाल पुरानी किताबों से पढ़ाया जा रहा है। नहीं बाधित होगी शिक्षा : -बीएसए डा. रामचंद्र का कहना है कि बच्चों की शिक्षा बाधित नहीं होगी, इसलिए पुरानी किताबों से पढ़ाने का निर्देश दिया गया है। शासन से किताबें आते ही वितरित करा दी जाएंगी।


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