नहरों के नाम पर लूटा खजाना, किसानों का दर्द न जाना
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बलरामपुर : खेतों से नमी नहीं है। रबी फसलों की बोआई के लिए खेतों की सिचाई होना जरूरी है, लेकिन नहरों में पानी न होने से किसान खेतों की सिचाई नहीं कर पा रहा है। वही नहरों की मरम्मत व साफ-सफाई के नाम पर लाखों रुपये का निकाले जा रहे हैं, लेकिन जिम्मेदार अफसरों पर कोई असर नहीं दिख रहा है। क्षेत्र के बरगदही गांव से सदर ब्लाक के नारायनपुर गांव को जाने वाली गौरा राजवहा माइनर नहर खोदाई करीब 18 साल पूर्व करवाई गई थी, लेकिन माइनर नहर का संचालन आज तक शुरू नहीं हो सका। खेत भी उनके नहर में चले गए, लेकिन उन्हें हरियाली नसीब नहीं हो सकी। अफसर भी चुप्पी साधे हुए हैं। ज्वाला प्रसाद का कहना है कि हर वर्ष लाखों रुपये साफ सफाई पर खर्च कर दिए जाते हैं। मगर नहर में पानी नहीं छोड़ा जाता है। परसराम यादव का कहना है कि नहर से सिचाई की सुविधा न होने के कारण खेती से उन लोगों का मोहभंग होता जा रहा है। उधर पचपेड़वा कोहरगड्डी जलाशय से निकली नहर की सफाई न हो सकी है। वर्तमान समय में किसानों को पानी की आवश्यकता है। मोहम्मद अयूब खान, सुनील त्रिपाठी ,गुलाम रब्बानी व पप्पू सिंह ने बताया अब कोहरगड्डी जलाशय से उम्मीद पूरी तरह से टूट चुकी है। नहर की सफाई की जाती है न हीं अब नहर में पानी छोड़ा जाता है। कई जगह नहर कट चुकी है। आउटलेट गायब हो चुके हैं। गेहूं बोने के लिए पानी की जरूरत है। लाही मसूर उग चुके हैं, उसे भी पानी की जरूरत है। जब खेतों में नमी ही नहीं रहेगी तो किसान कैसे फसल उगाएगा। अपर जिलाधिकारी अरुण कुमार शुक्ल ने बताया कि सिचाई विभाग के अधिशासी अभियंता से वार्ता कर नहरों में पानी छुड़वाया जाएगा। अब तक नहरों में पानी क्यों नहीं छोड़ा गया, इसकी जांच कराई जाएगी।