बस स्टैंड के लिए पुरातत्व विभाग से एनओसी की दरकार
- एआरएम विश्राम का कहना है कि बस स्टैंड के लिए चिह्नित जमीन विभाग के नाम अंकित करने के लिए प्रस्ताव शासन स्तर पर लंबित है। श्रावस्ती से सटा होने के कारण पुरातत्व विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने की प्रक्रिया चल रही है। इकौना बस स्टैंड भी घूघुलपुर से संचालित होगा। खत्म होगा स्टैंड - डीएम कृष्णा करुणेश का कहना है विभाग के नाम दर्ज कराने की प्रक्रिया चल रही है। तीन किलो मीटर के भीतर सरकारी स्टैंड न होने का नियम आड़े आ रहा है। विभाग इकौना का स्टैंड खत्म कर रहा है। एनओसी मिलते ही निर्माण शुरू कर दिया जाएगा।
बलरामपुर : बौद्ध तीर्थ स्थल श्रावस्ती के निकट सदर ब्लॉक के घूघुलपुर गांव में आधुनिक रोडवेज डिपो बनाने में पुरातत्व विभाग से एनओसी का पेच फंसा है। एनएच 730 पर बस स्टैंड निर्माण से दोनों जिलों के एक लाख से अधिक लोगों सुविधा होगी। जिला प्रशासन ने बस स्टैंड व वर्कशाप के लिए मांगी गई 3.66 एकड़ जमीन विभाग के नाम करने की पत्रावली शासन में लंबित है। विभाग ने 44 लाख 50 हजार रुपये जमीन के लिए पांच साल पहले ही जमा कर दिया।
शक्तिपीठ देवी पाटन मंदिर व श्रावस्ती आने वाले सैलानियों को बस स्टैंड बनने से सुविधा होगी। श्रावस्ती में विदेशी सैलानियों की आमद पूरे साल रहती है। वर्तमान में इकौना में एक छोटा बस स्टैंड है, लेकिन वहां बसें ठहरती नहीं हैं। मुख्य बाजार में होने के कारण दूसरे जिले से आने वाली बसें बाईपास से निकल जाती हैं। बस स्टैंड बनने से हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, आगरा समेत अन्य शहरों के लिए सीधी बस सेवा मिलने लगेगी।
पुरातत्व विभाग से एनओसी की दरकार : एआरएम विश्राम का कहना है कि बस स्टैंड के लिए चिह्नित जमीन विभाग के नाम अंकित करने के लिए प्रस्ताव शासन स्तर पर लंबित है। श्रावस्ती से सटा होने के कारण पुरातत्व विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने की प्रक्रिया चल रही है। इकौना बस स्टैंड भी घूघुलपुर से संचालित होगा।
खत्म होगा स्टैंड: डीएम कृष्णा करुणेश का कहना है विभाग के नाम दर्ज कराने की प्रक्रिया चल रही है। तीन किलो मीटर के भीतर सरकारी स्टैंड न होने का नियम आड़े आ रहा है। विभाग इकौना का स्टैंड खत्म कर रहा है। एनओसी मिलते ही निर्माण शुरू कर दिया जाएगा।