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कद्दावर नेताओं की नहीं बची साख, नए चेहरों ने दी पटकनी

स्वजन की हार से जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर कब्जा करने का सपना टूटा मतदाताओं ने माननीय

By JagranEdited By: Published: Tue, 04 May 2021 11:42 PM (IST)Updated: Tue, 04 May 2021 11:42 PM (IST)
कद्दावर नेताओं की नहीं बची साख, नए चेहरों ने दी पटकनी
कद्दावर नेताओं की नहीं बची साख, नए चेहरों ने दी पटकनी

स्वजन की हार से जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर कब्जा करने का सपना टूटा, मतदाताओं ने माननीयों के स्वजन को नकारा

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अमित श्रीवास्तव, बलरामपुर :

जिला पंचायत सदस्य पद के चुनाव परिणामों ने कद्दावर नेताओं की जमीनी पकड़ के दावों की हवा निकाल कर रख दी। गांव की भोली-भाली जनता ने पूर्व सांसद, पूर्व विधायक व पूर्व मंत्री के परिवार के लोगों को हराकर अपनी पसंद बता दी है। ग्रामीणों ने अपने बीच व हमेशा साथ रहने वाले लोगों पर ही भरोसा जता कर स्पष्ट संदेश दिया है कि गांव की सरकार वह अपने मनमुताबिक चुनेंगे। इसमें वर्तमान व पूर्व माननीयों की दखल उनको नहीं पसंद है। कद्दावर नेताओं के स्वजन की हार से जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर कब्जा करने के मनसूबे पर भी पानी फिर गया है। जिला पंचायत अध्यक्ष पद महिला के लिए आरक्षित होने के कारण भाजपा, सपा, कांग्रेस व बसपा के कद्दावर नेताओं ने अपने परिवारजन को मैदान में उतारा था। इसमें पूर्व सांसद रिजवान जहीर ने दो बार जिला पंचायत अध्यक्ष रहीं पत्नी हुमा रिजवान को नवानगर वार्ड से बसपा समर्थित प्रत्याशी बनाया। यहीं से युवक कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दीपांकर सिंह ने अपनी पत्नी अरुणिमा सिंह को मैदान में उतारा। कांटे की टक्कर में हुमा रिजवान की हार से पूर्व सांसद की प्रतिष्ठा धूमिल हुई। पूर्व विधायक धीरेंद्र प्रताप सिंह धीरू ने पत्नी पूर्व एमएलसी सविता सिंह को गंगापुरबाकी व बहू दीपिका सिंह को रामपुरबनघुसरा वार्ड से चुनावी समर में उतारा। पूर्व एमएलसी तीसरे स्थान पर रहीं। यहां संजय शुक्ल ने जीत दर्ज की जो नया चेहरा हैं। भाजपा के अजय सिंह पिकू दूसरे स्थान पर रहे। पूर्व विधायक को दोनों सीटों पर हार का सामना करना पड़ा। पूर्व वन निगम चेयरमैन सपा नेता सलिल सिंह टीटू ने अपनी पत्नी अनुराधा सिंह को त्रुकौलिया वार्ड से सपा का प्रत्याशी घोषित कराया था। यहां पहले सपा के घोषित प्रत्याशी टोप सिंह की पत्नी पुष्पा सिंह ने जीत दर्ज कर अपनी लोकप्रियता साबित की। पूर्व मंत्री डा. एसपी यादव ने अपने बेटे राकेश यादव को रामपुर बनघुसरा व बहू साधना यादव को रतनपुर से पार्टी का प्रत्याशी बनाया था। पुत्र व बहू दोनों ही मुख्य लड़ाई में स्थान नहीं बना सके। इन परिणामों से दिग्गजों को सबक लेना होगा कि छोटे कार्यकर्ताओं को भी आगे निकलने का मौका मिलना चाहिए।


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