आपदाओं से निपटने के लिए तैयार नहीं विद्युत विभाग
- जिला मुख्यालय पर गुरुवार से बदहाल है बिजली आपूर्ति उतरौला में संसाधन कम जागरण टीम बलर
- जिला मुख्यालय पर गुरुवार से बदहाल है बिजली आपूर्ति, उतरौला में संसाधन कम
जागरण टीम, बलरामपुर :
चक्रवात यास को लेकर जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी किया, लेकिन बिजली विभाग ने इससे निपटने के लिए कोई तैयारी नहीं की। गुरुवार भोर से शुरू हुई बारिश शुक्रवार को भी जारी है। बारिश के साथ ही बिजली की आवाजाही भी चल रही है। जिला मुख्यालय पर शुक्रवार रात से ही बिजली आपूर्ति सामान्य नहीं हो सकी। रात 12 बजे पूरे शहर की बिजली गुल हो गई। दो घंटे बाद बहाल हुई। भोर में पुन: ठप हो गई। बिजली कटौती का खेल पूरे दिन चला। भगवतीगंज फीडर से शाम पांच बजे तक बिजली आपूर्ति बाधित रही। ग्रामीण क्षेत्र की विद्युत आपूर्ति कई घंटों तक बंद रही। इससे लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। हवा चलने से पेड़ की डाल व जंगली घास की लताओं से बिजली आपूर्ति बाधित हो जाती है। क्योंकि विभाग तारों को सुरक्षित रखने के लिए समय से पेड़ की डाल व लताओं की सफाई नहीं करवाता है। अवर अभियंता केके तिवारी ने बताया कि लाइन मरम्मत कर बिजली बहाल करने में समय लगा है। उतरौला में विभाग के पास सिर्फ 10 खंभा :
उतरौला : विद्युत विभाग क्षति की भरपाई के लिए पूरी तरह तैयार नहीं है। तेज हवा के साथ बारिश होने के कारण पेड़ गिरने की घटनाएं सबसे ज्यादा होती हैं। खंभे गिरने के कारण एचटी व एलटी लाइनें टूटकर गिर जाती हैं। इससे बिजली आपूर्ति पूरी तरह अव्यवस्थित हो जाती है। विभाग के पास 10 से अधिक पोल उपलब्ध नहीं हैं। पिछले साल 26 जुलाई को आए तूफान के चलते उपकेंद्र के तहत 244 खंभे टूट गए थे। क्षति का आकलन कर विद्युत विभाग ने रिपोर्ट एसडीएम को प्रेषित की थी। उप मंडलीय अभियंता पीएस श्रीवास्तव का कहना है कि राजस्व कर्मियों ने 10 दिन सर्वे कर महज 48 पोल डैमेज होने की रिपोर्ट दी थी। क्षतिपूर्ति की धनराशि बिजली विभाग को अब तक नहीं मिली। विभाग के पास इस समय इंसुलेटर, एबीसी, क्रसर व तार सीमित मात्रा में हैं। एसडीएम डा. नागेंद्र नाथ यादव का कहना है कि दैवी आपदाओं से होने वाली क्षति पर राजस्व विभाग की जांच रिपोर्ट अनिवार्य होती है। पुरानी रिपोर्ट पर क्षतिपूर्ति जारी क्यों नहीं हुई इसकी जानकारी नहीं है। इस बार सभी राजस्व निरीक्षकों को दैवी आपदा से होने वाली क्षति की रिपोर्ट दो दिन के भीतर देने की हिदायत दी गई है।