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कार्रवाई का नहीं असर, बेखौफ परोस रहे जहर

पानी पाउच नष्ट कराकर कोरम पूरा कर रहे जिम्मेदार आरओ प्लांट संचालकों पर नहीं होती कार्रवाई

By JagranEdited By: Published: Wed, 16 Jun 2021 09:43 PM (IST)Updated: Wed, 16 Jun 2021 09:43 PM (IST)
कार्रवाई का नहीं असर, बेखौफ परोस रहे जहर
कार्रवाई का नहीं असर, बेखौफ परोस रहे जहर

बलरामपुर: जिले में नियमों को दरकिनार कर पानी का कारोबार करने वाले आरओ प्लांट व पाउच मशीन संचालकों पर विभागीय कार्रवाई का कोई असर नहीं है। अभियान के दौरान पानी पाउच नष्ट कराने व जुर्माना का दावा खाद्य सुरक्षा विभाग कर रहा है, लेकिन इस पर प्रतिबंध लगाने में नाकाम है।

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आरओ प्लांट संचालकों के आगे खाद्य सुरक्षा महकमा व नगर पालिका प्रशासन पूरी तरह बेबस है। जबकि जिले के आला अधिकारियों को इस ओर ध्यान की फुर्सत नहीं है। जिससे पानी के नाम पर जहर के सौदागर बेखौफ होकर धड़ल्ले से धंधा चला रहे हैं।

पाउच नष्ट कराने का दावा:

खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारी अभियान के नाम पर बाजारों में पानी पाउच नष्ट कराकर अपनी पीठ थपथपा लेते हैं। जबकि बाजारों में इसकी खेप पहुंचाने वाले संचालकों पर हाथ डालने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं। इससे बाजारों में दो से तीन रुपये में ठंडे पानी के नाम पर लोग जहर पी रहे हैं।

मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी विनोद कुमार पांडेय ने बताया कि बुधवार को शिवपुरा बाजार के मेसर्स शांति प्रसाद इंटरप्राइजेज, थोक विक्रेता से पैक्ड पानी एक्वाप्योर प्रीमियम आरओ वाटर, महराजगंज तराई के पानी पाउच निर्माता विकास कुमार, बलदेवनगर के थोक विक्रेता अजय कुमार के यहां छापेमारी कर नमूना एकत्रित किया गया है। इसे जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा गया है। साथ ही बलरामपुर रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन, भगवतीगंज में भी अभियान चलाकर कालातीत पाउच नष्ट कराए गए हैं। समय-समय पर अभियान चलाया जाता है।

आरओ प्लांट संचालकों पर नहीं कसी नकेल:

जिले में करीब 150 आरओ प्लांट संचालक हैं। जिनके मानकों की जांच करने में खाद्य सुरक्षा व नगर पालिका परिषद अपने हाथ पीछे खींच रहे हैं। वजह, दोनों ही इसे अपने अधिकार क्षेत्र के बाहर बताते हैं। ऐसे में सफेद पानी का काला कारोबार धड़ल्ले से फल-फूल रहा है।

लैब टेस्ट व दस्तावेजों की होगी जांच:

एडीएम अरुण कुमार शुक्ल का कहना है आरओ प्लांट संचालकों के यहां छापेमारी कराई जाएगी। इसमें लैब टेस्ट व अन्य आवश्यक दस्तावेजों समेत प्लांट के गुणवत्ता की जांच की जाएगी। खामियां मिलने पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।


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