संयुक्त अस्पताल में वसूली की शिकायत पर प्रसूता को भगाया
राज्य महिला आयोग सदस्य ने किया निरीक्षण कई डाक्टरों के नदारद रहने पर जताई नाराजगी
बलरामपुर: संयुक्त जिला चिकित्सालय प्रशासन अब बेशर्मी पर उतर आया है। मरीजों व तीमारदारों से वसूली करने वाले चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मियों की गठजोड़ इतनी मजबूत है कि प्रसव के नाम वसूली की शिकायत पर अस्पताल से प्रसूता को ही भगा दिया गया। प्रसूता ने अस्पताल में चार हजार रुपये लेने की शिकायत राज्य महिला आयोग सदस्य सुनीता बंसल से की थी। इस शिकायत पर कार्रवाई क्या हुई यह तो पता नहीं, लेकिन देर शाम उसे जबरन रेफर कर दिया गया।
निरीक्षण करने पहुंची राज्य महिला आयोग की सदस्य अस्पताल की हालत देख भौचक रह गई। अस्पताल में सर्जन डा.अरुण कुमार की कुर्सी खाली मिली। इनके कक्ष के सामने मरीजों की काफी भीड़ लगी हुई थी। पचपेड़वा की गुड़िया, गलिबापुर की उमा, तुलसीपुर विलोहा के वीरेंद्र ने बताया कि डा.अरुण अक्सर गायब रहते हैं। वह सब सुबह से बैठे हैं, लेकिन डाक्टरों का पता नहीं है। यहां से आयेाग सदस्य प्रसव कक्ष में पहुंचीं।
प्रसूता रानीजोत निवासिनी शरीना ने बताया कि उससे प्रसव कराने के लिए चार हजार रुपये सुविधा शुल्क लिए गए। बाल रोग विशेषज्ञ डा. नितिन चौधरी की भी काफी शिकायतें रहीं। मरीजों ने बताया कि वह चाय पानी के नाम पर सुविधा शुल्क मांगते हैं। मरीजों से दुर्व्यवहार भी करते हैं।
नेत्र रोग विशेषज्ञ की बाहर से लेंस मंगाने, ब्लड बैंक में खून बेचे जाने व महिला रोग विशेषज्ञ डा. शक्ति श्रीवास्तव के गायब रहने की शिकायतें भी मिलीं। महिलाओं को एनीमा लगाने के नाम पर 300 रुपये वसूले जाने व पर्चा का एक रुपये की जगह दो रुपये लेने का मामला भी जोर शोर से उठा। महिला आयेाग की सदस्य सुनीता व सीएमओ डा.सुशील कुमार ने संयुक्त रूप से नाराजगी जताते हुए व्यवस्था में सुधार लाने की नसीहत दी।
मुख्य चिकित्साधीक्षक डा. प्रवीण कुमार ने आश्वस्त किया कि वह व्यवस्था में सुधार लाने को प्रयासरत हैं। प्रसूता से वसूली मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही। महिला आयोग सदस्य के जाने के बाद शिकायत करने वाली प्रसूता को घर भेज दिया गया।
पोषण पंचायत का किया शुभारंभ:
संयुक्त अस्पताल के निरीक्षण के बाद आयोग सदस्य उतरौला पहुंचीं। तहसील सभागार में आयोजित पोषण पंचायत का फीता काटकर व दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया। लोगों को पोषण शपथ दिलाई गई। गर्भवती की गोद भराई की। छह माह के बच्चों का अन्नप्राशन व कुपोषण से मुक्त हुए बच्चों को पुष्टाहार दिया।
कलेक्ट्रेट सभागार में महिला उत्पीड़न से संबंधित मामलों की सुनवाई की। महिला उत्पीड़न से संबंधित 11 प्रार्थना पत्र प्राप्त हुए। सभी पर तत्काल कार्रवाई करते हुए समयबद्ध एवं गुणवत्ता पूर्ण ढंग से निस्तारण का निर्देश दिया गया।