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अफसर पहले जाते चेत, तो बच जाते गांव और खेत

इटवा राजवहा के आए दिन कटने से डूबी चार हजार बीघा फसल नहर बांधकर कोरम पूरा कर रहा नहर विभाग

By JagranEdited By: Published: Tue, 20 Jul 2021 10:32 PM (IST)Updated: Tue, 20 Jul 2021 10:32 PM (IST)
अफसर पहले जाते चेत, तो बच जाते गांव और खेत
अफसर पहले जाते चेत, तो बच जाते गांव और खेत

बलरामपुर: रेहराबाजार ब्लाक क्षेत्र में सरयू नहर खंड-दो की इटवा राजवहा नहर के कटने का सिलसिला जारी है। आए दिन नहर कटने से किसानों की करीब चार हजार बीघा क्षेत्रफल में लगी फसल में पानी भर गया है। जुवारा, अहिरौली, अचलपुररूप, सेमरा, बैरिया सुर्जनपुर, महुआ व देवरिया इनायत ग्राम पंचायत में नहर का पानी घुस गया है। इससे किसानों का गांव के बाहर निकलना भी मुश्किल है। फिर भी अधिकारी नहर को दुरुस्त कराने के बजाय कोरम पूरा कर रहे हैं। नहर बांधने का प्रयास पानी की धारा में बह जा रहा है।

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-रेहराबाजार ब्लाक के महुआ गांव के मजरे पटखौली के पास सरयू नहर खंड-दो की इटवा राजवहा नहर सोमवार को कट गई थी। नहर विभाग की लापरवाही के कारण जुवारा, अहिरौली, अचलपुररूप, सेमरा, बैरिया सुर्जनपुर व महुआ गांव की तीन हजार बीघे धान व गन्ने की फसल जलमग्न हो गई है। धान की फसल चौपट हो जाने से किसान निराश हैं। कहाकि नहर विभाग के अधिकारियों को बार-बार सूचना देने के बावजूद बिना सफाई कराए ही अधिक मात्रा में पानी छोड़ दिया गया।

वहीं, इससे पूर्व 11 जुलाई को इसी ब्लाक के ग्राम पंचायत देवरिया इनायत में इटवा राजवहा का बैंक व सर्विस रोड कटने से गांव में पांच फीट तक पानी भर गया। इससे करीब एक हजार एकड़ क्षेत्रफल में लगी गन्ना, धान की नर्सरी, बाजरा व चरी की फसल डूब गई। ग्रामीणों का आरोप है कि अवर अभियंता व सहायक अभियंता से नहर की सफाई व मरम्मत कराने के लिए कई बार मुलाकात की गई। समय से मरम्मत और सफाई करा दी जाती तो पानी से फसल खराब न होती। किसानों ने फसलों की क्षतिपूर्ति न मिलने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।

किए जाएंगे स्थाई उपाय:

अधिशासी अभियंता आरबी सिंह का कहना है कि महुआ गांव के पास कटी नहर को बांधने का काम तेजी से करते हुए पानी बंद करा दिया गया है। आगे से नहर कटने न पाए, इसके लिए स्थाई उपाय किए जाएंगे।


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