Move to Jagran APP

कटान की जद में गांव, नदी की धारा में बह रहा बचाव

तटवर्ती गांवों में रहने वाले ग्रामीणों की धुकधुकी बढ़ गई है। राप्ती नदी का जलस्तर शनिवार को 103.460 मीटर दर्ज किया गया जो चेतावनी बिदु 103.620 से 16 सेंटीमीटर नीचे है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 26 Jun 2021 10:26 PM (IST)Updated: Sat, 26 Jun 2021 10:26 PM (IST)
कटान की जद में गांव, नदी की धारा में बह रहा बचाव
कटान की जद में गांव, नदी की धारा में बह रहा बचाव

बलरामपुर: जिले में बाढ़ घटने के साथ ही राप्ती नदी की कटान तेज हो गई है। तटवर्ती गांवों में रहने वाले ग्रामीणों की धुकधुकी बढ़ गई है। राप्ती नदी का जलस्तर शनिवार को 103.460 मीटर दर्ज किया गया, जो चेतावनी बिदु 103.620 से 16 सेंटीमीटर नीचे है।

prime article banner

राप्ती के तट पर बसे ग्रामीणों को कटान का भय सताने लगा है। उतरौला क्षेत्र के परसौना, गोनकोट, सदर ब्लाक के करमहना भोजपुर, नौबस्ता, रजवापुर, भोजपुर शाहपुर तटबंध पर कराए गए कार्य नाकाफी हैं। इस बार भी कटान से तबाही को लेकर ग्रामीण सशंकित हैं, जबकि बाढ़ खंड के अधिकारी कटान निरोधक कार्य पूरा होने का दावा कर रहे हैं।

उतरौला क्षेत्र के परसौना, गोनकोट, कुड़ऊ बौड़िहार व सेखुइया गांव के लोग दशकों से कटान की पीड़ा झेलते आ रहे हैं। नदी की धारा में खेत, खलिहान, बाग व रिहायशी मकान समाने का सिलसिला बदस्तूर चला आ रहा है।

तीन तरफ राप्ती नदी से घिरे परसौना गांव के लोगों की पीड़ा और भी दु:खद है। गांव के पश्चिम, उत्तर व पूर्वी छोर पर बह रही नदी हर ओर से खेत, बाग व घरों के लिए काल बनी हुई है। ग्रामीण विनोद कुमार, विजयपाल यादव, मनीराम बताते हैं कि नदी का जलस्तर बढ़ते ही गांव के लोगों की चिता बढ़ जाती है। गोनकोट व कुड़ऊ बौड़िहार में गांव के उत्तर तरफ बह रही नदी हर साल खेती वाली जमीन को अपनी धारा में मिला लेती है। ग्रामीण अपनी जमीनों को नदी की धारा में समाता देख बेबस हो जाते हैं।

नदी में समा रहे बचाव के उपाय:

गोनकोट में कटान रोकने के लिए बालू भरकर बोरियां लगाई गई थीं, लेकिन नदी का जलस्तर घटते-बढ़ते ही बोरियां बालू समेत नदी में समाती जा रहीं हैं। कटान रोकने के लिए लगाए गए बंबू क्रेट्स भी नदी की धारा में समा रहे हैं। ग्रामीण शबहू व गुलाम मोहम्मद का कहना है अगर नदी के तट पर पत्थरों के ठोकर लगवा दिए जाएं तो खेत, मकान व खलिहान को कटान से बचाया जा सकता है।

समुचित उपाय के दिए निर्देश:

एसडीएम डा. नागेंद्र नाथ यादव का कहना है कि नदी के किनारे बसे गांवों में कटान की स्थिति का जायजा लिया गया है। ग्राम प्रधानों व लेखपालों को कटान पर नजर रखने का निर्देश दिया गया है। बाढ़ खंड को कटान रोकने के लिए समुचित उपाय करने के निर्देश दिए गए हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.
OK