मनरेगा में बढ़ी भागीदारी, 585 मेट बनी नारी
स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को मिला रोजगार योजना में आधी आब
पवन मिश्र, बलरामपुर:
जिला पंचायत अध्यक्ष, जिलाधिकारी जैसे बड़े पदों पर विराजमान होने के बाद अब मनरेगा में महिलाओं की भागीदारी बढ़ने की आस जगी है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी 565 महिला मेट की तैनाती की गई है जो न केवल महिलाओं को मनरेगा में रोजगार दिलाएगी बल्कि श्रम स्थलों पर उनकी परेशानी का विशेष ध्यान रखेगी।
गांवों में महिला मेटों की तैनाती की गई:
मनरेगा में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए सरकार विशेष प्रयास कर रही है, लेकिन जागरूकता के अभाव में इसका लाभ कमजोर वर्ग की महिलाओं को नहीं मिल पा रहा है। इसे देखते हुए जिले के विभिन्न गांवों में महिला मेटों की तैनाती की गई है। इस चयन में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को प्राथमिकता दी गई है। गांवों में पहले से ही स्वावलंबन की अलख जगा रही ये महिलाएं मनरेगा मेट बनने के बाद रोजगार देकर उन्हें पैरों पर खड़ा होना सिखाएंगी। बल्कि कार्य स्थल पर महिलाओं के साथ होने वाले भेदभाव को रोककर उन्हें शासन से मिलने वाली सुविधाएं भी दिलाएंगी। यही नहीं अपनी ही तरह किसी महिला की निगरानी में कार्य करने का मौका पाकर महिलाएं भी इस ओर ज्यादा आकर्षित होगी। इससे मनरेगा श्रमिकों में महिलाओं की संख्या बढ़ेगी।
मुख्य विकास अधिकारी रिया केजरीवाल का कहना है कि मनरेगा में 585 मेट की तैनाती की गई है। इससे मनरेगा के जरिए स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को रोजगार मिलेगा, वहीं इस योजना में भी अन्य महिला श्रमिकों की संख्या बढ़ेगी।