सियासत के भंवर में फंस गया नगर पंचायत बनाने का मुद्दा
बलरामपुर जनपद बने 24 साल बीत गए लेकिन सदर विधानसभा क्षेत्र के श्रीदत्तगंज व मथुराबाजार को न
बलरामपुर :
जनपद बने 24 साल बीत गए, लेकिन सदर विधानसभा क्षेत्र के श्रीदत्तगंज व मथुराबाजार को नगर पंचायत का दर्जा नहीं मिल सका। सभी मानकों को पूरा करने वाली इन ग्राम पंचायतों को नगर में तब्दील करने की मांग जनप्रतिनिधियों के ठंडे बस्ते में गुम हो गई। खास बात यह है कि अब तक जिले के चार मंत्रियों में से तीन सदर विधानसभा के ही विधायक रहे। बावजूद इसके इस मुद्दे को कभी गंभीरता से नहीं लिया गया। 2020 में क्षेत्रवासियों की मांग पर श्रीदत्तगंज को नगर पंचायत बनाने की पत्रावली प्रदेश सरकार को भेजी गई थी। प्रस्ताव पर तेजी से कार्रवाई भी हुई, लेकिन नगर पंचायत का सपना पूरा नहीं हो सका। वहीं मथुरा बाजार भी नगर पंचायत बनने के सभी मानकों को पूरा करता है। विधानसभा चुनाव में एक बार फिर क्षेत्रवासियों की तरफ से श्रीदत्तगंज व मथुरा बाजार को नगर पंचायत बनाने की मांग उठने लगी है। व्यापारियों का हब है मथुरा बाजार :
हरैया सतघरवा विकास खंड की ग्राम पंचायत मथुरा बाजार तराई क्षेत्र की सबसे बड़ी आबादी वाला बाजार है। इस ग्राम पंचायत में 12 पुरवे हैं। इसमें बनकसिया, बनहनपुरवा, चैसार, मथुरा खुर्द, मथुरा कला, मथुरा बाजार, पंडितपुरवा, रामगडिहया, तकिया, गौरियनपुरा, महराजगंज व मौलवीगंज शामिल हैं। इसकी आबादी 20 हजार से अधिक है। जो व्यापारियों का हब है। यहां पर प्रतिदिन करोड़ों का व्यापार होता है। इस बाजार में दैनिक वस्तुओं की खरीद-फरोख्त से लेकर तीन मोटरसाइकिल एजेंसी, पेट्रोल पंप, बैंक, अस्पताल व तीन इंटर कालेज संचालित हैं। इस बाजार में लेनदेन के लिए पड़ोसी जनपद श्रावस्ती के सैकड़ों गांवों के लोग रोजाना खरीदारी करने आते हैं। इसे नगर पंचायत बनाने का मुद्दा लंबे समय से उठाया जा रहा है, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। नगर पंचायत बन जाने से क्षेत्र का विकास तेजी से हो सकेगा।
पंचायत चुनाव में दब गई नगर पंचायत की मांग :
-श्रीदत्तगंज विकास खंड को नगर पंचायत बनाने की मांग जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों के ठंडे बस्ते में गुम हो गई। वर्ष 2020 में भाजपा सदर विधायक पल्टूराम ने क्षेत्रवासियों की मांग पर पत्रावली प्रदेश सरकार को भेजी थी। शासन से मंजूरी भी मिल गई, लेकिन पंचायत चुनाव शुरू हो जाने से नगर पंचायत बनाने मांग दबकर रह गई। सदर विधायक ने जब राज्यमंत्री का ताज पहना, तो क्षेत्रवासियों में उम्मीद जगी थी। बाद में उन्होंने इस मांग को गंभीरता से नहीं लिया। 2012 में सपा से सदर विधायक रहे जगराम पासवान भी श्रीदत्तगंज विकास खंड के निवासी हैं। उनके विधायक काल में भी इस गंभीर मुद्दे की तरफ कोई प्रयास नहीं हो सका था। विधानसभा चुनाव का शोर शुरू होने पर एक बार फिर यहां की जनता नगर पंचायत का ख्वाब संजोने लगी है।