बीएसए के निर्देश के 11 दिन बाद भी नहीं कार्यमुक्त हुए संबद्ध शिक्षक
संबद्धता बचाने को सभासदों की पनाह ताकि अफसर हों गुमराह जांच करना भूले अफसर
बलरामपुर: जिले के बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों के संबद्धीकरण के नाम पर खेल खुलेआम चल रहा है। 26 नवंबर को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने संबद्धता निरस्त करने का आदेश तो जारी कर दिया, लेकिन यह मात्र दिखावा साबित हुआ। संबद्धता निरस्त होने से धनउगाही का सिस्टम प्रभावित न हो, इसके लिए विभागीय बाजीगरों ने नया तरीका खोज निकाला है।
नगर क्षेत्र में संबद्ध विभागीय कर्मियों के स्वजन व चहेतों की संबद्धता बचाने अब जनप्रतिनिधियों का सहारा लिया जा रहा है। जिला प्रशासन व विभागीय उच्चाधिकारियों को गुमराह करने के लिए सभासदों से प्रार्थना पत्र लिखवाया जा रहा है। इसमें नौनिहालों का भविष्य प्रभावित होने की दुहाई देकर संबद्धता बहाल रखने की सिफारिश की गई है।
नगर क्षेत्र बलरामपुर व उतरौला के 22 में से मात्र पांच विद्यालय ऐसे हैं, जहां शिक्षकों की तैनाती नहीं है। इनमें प्रावि गोविदबाग, बलुहा, प्राचीन उतरौला, कंपोजिट विद्यालय विशुनापुर व कंपोजिट विद्यालय आदर्श उतरौला शामिल हैं। नियमत: यहां नगर क्षेत्र या आसपास ब्लाक के शिक्षकों को संबद्ध किया जाना चाहिए।
नहीं मिला कार्यमुक्त करने का आदेश:
नगर क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय टेढ़ीबाजार में प्रधानाध्यापक आलोक मणि पांडेय की तैनाती है। शिक्षामित्र चित्रा शुक्ला की तैनाती है। यहां संबद्ध शिक्षिका रूबी मिश्रा शिक्षण कार्य कर रहीं है। प्रधानाध्यापक के पास प्रावि बलुहा का भी प्रभार है। यहां शिक्षामित्र राजू मेकरानी तैनात हैं। बावजूद इसके यहां तुलसीपुर के प्रावि फौजदारपुरवा की सहायक अध्यापिका शारदा व उतरौला के पिपरा एकडंगा की रश्मि अब तक संबद्ध हैं। प्रधानाध्यापक का कहना है कि मुझे संबद्ध शिक्षकों को कार्यमुक्त करने का कोई आदेश नहीं मिला है। बीईओ डा. समय प्रकाश पाठक का कहना है कि वाट्सएप ग्रुप पर आदेश जारी किया जा चुका है।
सभासदों से लिखवाया पत्र:
भगवतीगंज के सभासद संजय मिश्र का कहना है कि कंपोजिट विद्यालय में तैनात शिक्षक व विभाग के जिला समन्वयक ने 300 बच्चों के भविष्य का हवाला देकर प्रार्थना पत्र लिया है। पहले से टाइप पत्र में संबद्ध शिक्षकों को बहाल रखने की बात कही गई है। इसी तरह टेढ़ीबाजार के सभासद रवि मिश्र ने भी एकल शिक्षक होने से परेशानी होने की बात कही है।
उच्चाधिकारियों को कराया अवगत:
बीएसए डा. रामचंद्र का कहना है कि शिक्षक विहीन स्कूलों के बारे में उच्चाधिकारियों को अवगत कराया गया है। उनके निर्देशों पर वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी।