सीमा क्षेत्र में 85 करोड़ से विकसित होगा इकोटूरिज्म
अमित श्रीवास्तव बलरामपुर जिले में इकोटूरिज्म के विकास की कवायद तेज कर दी गई है। नेपाल
अमित श्रीवास्तव, बलरामपुर :
जिले में इकोटूरिज्म के विकास की कवायद तेज कर दी गई है। नेपाल सीमा पर सोहेलवा जंगल से सटे क्षेत्र में पर्यटकों को लुभाने के लिए 85 करोड़ रुपये का प्रस्ताव दिया गया है। भगवानपुर और चित्तौड़गढ़ जलाशय की सिल्ट सफाई कर जल संग्रहण क्षमता को बढ़ाया जाएगा। साथ ही जलाशयों से सटे जंगल में नेचुरल ट्रैक का निर्माण किया जाएगा, जिससे पर्यटक जल क्रीड़ा के साथ सोहेलवा की वादियों का लुत्फ उठा सकें।
प्राकृतिक छटा निहारने के ख्वाहिशमंद पर्यटकों को नेपाल सीमा से सटे क्षेत्र की ओर आकर्षित करने की इस योजना पर प्रशासन ने अमल भी शुरू कर दिया है। तुलसीपुर में स्थित शक्तिपीठ देवीपाटन मंदिर में पर्यटकों की आमद पूरे साल रहती है। विशेषकर नवरात्र में उनकी संख्या बढ़ जाती है। तुलसीपुर बौद्ध सर्किट से भी जुड़ा है। इस कारण श्रावस्ती व लुंबनी की यात्रा पर आने वाले विदेशी मेहमानों को सोहेलवा जंगल की सैर कराने के लिए आसानी से लुभाया जा सकता है। जिन दोनों जलाशयों का सुंदरीकरण कराना प्रस्तावित है। उनकी दूरी तुलसीपुर से करीब 10 किलोमीटर है। ये होगी सुविधा :
- दोनों जलाशयों की सफाई करके गहरा किया जाएगा। बोटिग के साथ पैरासेलिग की व्यवस्था की जाएगी। जलाशय के किनारे बांध तक वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा। यहां साइकिल ट्रैक बनाया जाएगा। आसपास के लोग साइकिल किराए पर देकर लोगों को सैर कराएंगे। जंगल के अंदर पैच में नेचुरल ट्रैक विकसित किया जाएगा। पास के थारू गांव मड़नी सड़नी में थारूहट बनाकर ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। 85 करोड़ का प्रस्ताव :
जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश का कहना है कि दोनों जलाशयों व थारू बहुल गांव मड़नी सड़नी का निरीक्षण कर प्रस्ताव तैयार किया गया है। सीमावर्ती क्षेत्र में इकोटूरिज्म विकसित करने के लिए 85 करोड़ की मांग की गई है। बजट मिलते ही कार्य शुरू कर दिया जाएगा।