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दस साल से अधूरा पुल, 80 लाख खर्च और पत्रावली गायब

बजट खर्च का नहीं मिल रहा हिसाब - अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग प्रांतीय खंड मेघ प्रकाश का कहना है कि मामला पुराना है। पत्रावली की तलाश कराई जा रही है। बजट खर्च कर दिया गया है। कहां व्यय किया गया है। उसका हिसाब नहीं मिल रहा है। सदर विधायक के पत्र पर पुन प्रस्ताव तैयार कर बजट की मांग की है। अनियमितता करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी।

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Nov 2019 09:45 PM (IST)Updated: Fri, 22 Nov 2019 09:45 PM (IST)
दस साल से अधूरा पुल, 80 लाख खर्च और पत्रावली गायब
दस साल से अधूरा पुल, 80 लाख खर्च और पत्रावली गायब

अमित श्रीवास्तव, बलरामपुर :

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पुल निर्माण कराए बिना ही 80 लाख रुपये खर्च किए जाने का मामला प्रकाश में आया है। अब लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को पत्रावली भी खोजे नहीं मिल रही है। पहले अधिकारी बजट न होने से निर्माण पूरा कराने की बात कहकर गुमराह करते रहे, लेकिन जांच में बजट पूरा मिलने की बात सामने आई तो अब एक-दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाकर मामले को दबाने में जुटे हैं।

सरकार ने लोक निर्माण विभाग प्रांतीय खंड को वर्ष 2008-09 में बहवा नाले पर पुल निर्माण की स्वीकृति प्रदान की थी। 80 लाख रुपये अवमुक्त किए थे। नाला की धारा में दोनों तरफ दीवार खड़ा कर दी। इसके बाद ठेकेदार गायब हो गए। एक अधिकारी की मानें तो मिर्जापुर-मन्नीजोत के बीच अधूरे पुल की पत्रावली खोजे नहीं मिल रही है। अगर पुल स्वीकृत था तो सड़क निर्माण कैसे करा दिया गया। इन सवालों का जवाब कार्यालय में तैनात अधिकारियों को देते नहीं बन रहा है।

गांव बन जाता है टापू : सदर ब्लॉक का गांव मन्नीजोत पहाड़ी नाले से घिरा है। बरसात के दिनों में गांव टापू बन जाता है। चुनाव में ड्यूटी करने वालों को भी नाव का सहारा लेना पड़ता है।

50 हजार आबादी को होगी सुविधा : पुल बन जाने से रामनगर, रसूलाबाद, मुरावनडीह, रामपुर, भगवानपुर, मन्नीजोत, बरगदही, बलुवाबलुई, कोयलरा, रानीजोत, नौवा, गांगनार, लालाजोत, पाला, हृदयनगर व लालाडीह गांव के लोगों को आवागमन में सुविधा होगी। करीब 50 हजार लोगों का जिला मुख्यालय से सीधा संपर्क हो जाएगा। साथ ही बेलहा गौरा चौराहा से तुलसीपुर मार्ग जुड़ जाने से लोगों को तुलसीपुर जाने के लिए बेलहा या गौरा चौराहा का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा।

खर्च का नहीं मिल रहा हिसाब : अधिशासी अभियंता लोक निर्माण विभाग प्रांतीय खंड मेघ प्रकाश का कहना है कि मामला पुराना है। पत्रावली की तलाश कराई जा रही है। बजट खर्च कर दिया गया है। कहां व्यय किया गया है। उसका हिसाब नहीं मिल रहा है। सदर विधायक के पत्र पर मामला संज्ञान में आया है। पुन: प्रस्ताव तैयार कर बजट की मांग की है। अनियमितता की पुष्टि पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई होगी।


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