विकास के लिए पांच करोड़ खर्च, ऑडिट में नहीं दे रहे अभिलेख
विकास अधिकारी अमनदीप डुली का कहना है कि पत्र की जानकारी नहीं है। फिर भी जिन सचिवों ने अभिलेख नहीं दिया है। उनसे अभिलेख दिलाया जाएगा।
अमित श्रीवास्तव, बलरामपुर : ग्राम पंचायतों के विकास मद में व्यय धनराशि का हिसाब नहीं दे रहे हैं। बार-बार पत्र देने के बाद भी सचिव अभिलेख नहीं दे रहे हैं। जिससे गांव में कराए गए कार्यों की सही जानकारी नहीं मिल पा रही है। साथ ऑडिट का कार्य भी लंबित है। अफसर भी गैंसड़ी ब्लॉक के 21 गांवों के ग्राम पंचायत सचिवों से अभिलेख दिलाने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे है।
ग्राम निधि प्रथम व मनरेगा से गांवों में कराए गए कार्यों पर करोड़ों रुपये व्यय किया गया है। कार्य की गुणवत्ता की तो जांच नहीं की गई, लेकिन खर्च बजट का साक्ष्य देने को सचिव तैयार नहीं है। अप्रैल 2019 से जिला लेखा परीक्षा अधिकारी सहकारी समितियां एवं पंचायतें पत्र पर पत्र भेज रहे हैं। यही नहीं सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) ने भी अभिलेख उपलब्ध कराने को पत्र लिखा, लेकिन मातहतों ने एक न सुनी।
इन गांवों का गायब अभिलेख : भदुआशंकर नगर, महादेव शिवपुर, धंधरा, तुरकौलिया, गुलरिहा अहिरौली, मिश्रौलिया, बनगाई, सिंहमोहानी, बिजुलिया, गनवरिया, जैतापुर, केवलपुर, कोइलखार, पकड़ी, पकड़ी पटोहा, पिपरा, बढ़ाई पुरवा, गौरा बगनहा, जानकीनगर, मनकी व जीतपुर के ग्राम पंचायत सचिव अभिलेख नहीं दे रहे हैं।
सीडीओ को लिखा पत्र : सीनियर आडिटर अनिरूद्ध कुमार द्विवेदी ने बताया कि उपरोक्त गांवों में ग्राम निधि प्रथम से तीन करोड़ 60 लाख 30 हजार 640 व मनरेगा मद से एक करोड़ 42 लाख 83 हजार रुपये खर्च किया गया है। दोनों मद में पांच करोड़ से अधिक का बजट है। जो पंचायती राज विभाग की वेबसाइड पर है, लेकिन इस धनराशि से कितने कार्य कराए गए हैं। किस-किस कार्य पर व्यय किया गया है। इसकी जानकरी नहीं है। अभिलेख दिलाने के लिए सीडीओ को पत्र लिखा है। जिसमें गांवों का नाम व धनराशि का विवरण दिया है।
पत्र की नहीं जानकारी : मुख्य विकास अधिकारी अमनदीप डुली का कहना है कि पत्र की जानकारी नहीं है। विभागीय प्रक्रिया है। फिर भी जिन सचिवों ने अभिलेख नहीं दिया है। उनसे अभिलेख दिलाया जाएगा।