Move to Jagran APP

किसानों का दो करोड़ 38 लाख रुपये का भुगतान अटका

2.38 ष्श्रह्मद्गह्म ह्यह्लद्बद्यद्य श्चद्गठ्ठस्त्रद्बठ्ठद्द श्रद्घ द्घड्डह्मद्वद्गह्मह्य

By JagranEdited By: Published: Sat, 18 Jan 2020 10:01 PM (IST)Updated: Sun, 19 Jan 2020 06:06 AM (IST)
किसानों का दो करोड़ 38 लाख रुपये का भुगतान अटका
किसानों का दो करोड़ 38 लाख रुपये का भुगतान अटका

बलरामपुर : जिले में धान खरीद एजेंसियां आंकड़ों में खेल किए जाने से बाज नहीं आ रही है। यही नही, किसानों को भुगतान करने में भी फिसड्डी साबित हो रही है। किसानों का करीब दो करोड़ 38 लाख रुपये भुगतान फंस गया है। भुगतान पाने के लिए किसान अधिकारियों की चौखट पर दस्तक दे रहा है, लेकिन उसकी सुनवाई नहीं हो रही है। वही धान खरीद की धीमी रफ्तार ने किसानों की पीड़ा को और भी बढ़ा दिया है। दो माह पूर्व रजिस्ट्रेशन करवा चुके किसानों का नंबर अभी नहीं आ सका है।

loksabha election banner

जिले में पौन तीन लाख से अधिक किसान है। इसके सापेक्ष 1625 किसान ही धान बेचने के लिए पंजीकरण करवा सके हैं। किसानों को अपनी उपज बिचौलियों के हाथों बेचना पड़ रहा है। 10700 मीट्रिक टन धान खरीदने का लक्ष्य है। खाद्य विभाग के छह, पीसीएफ के 11 व यूपीएसएस के छह केंद्रों पर 28 फरवरी तक धान की खरीद होनी है।

17 जनवरी तक हुई खरीद : खाद्य विभाग ने 1955.680 मीट्रिक टन, पीसीएफ ने 3313.700 व यूपीएसएस ने 2672 मीट्रिक टन धान की खरीद किया है। 1209 किसान धान बेच चुके हैं। 7941.380 मीट्रक टन खरीद के सापेक्ष राइस मिलर्स को अब तक 4442.6 मीट्रिक टन धान की डिलीवरी की जा सकी है। 3498.8 मीट्रिक टन धान केंद्रों पर डंप है। पीसीएफ पर 168.06 लाख व यूपीएसएस पर 70.31 लाख धान खरीद का बकाया है।

किसानों ने सुनाई पीड़ा : नानबच्चा ने बताया कि मंडी समिति केंद्र पर धान बेचा है। 15 किलोग्राम नमी दिखाकर कटौती की गई है। इसके अलावा 40 किलोग्राम धान का पैसा नहीं दिया गया। रामखेलावन का कहना है कि तीन माह दौड़ लगाने के बाद किसी तरह धान बिका, लेकिन नमी दिखाकर मनमानी कटौती की गई है।

जिम्मेदार के बोल : जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी नरेंद्र कुमार तिवारी ने बताया कि 74 प्रतिशत से अधिक धान की खरीद हो चुकी है। केंद्रों पर डंप पड़े धान को मिलर्स तक पहुंचाने के निर्देश दिए गए हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.