बलरामपुर : पर्यावरण को प्रदूषण से मुक्त करने के लिए वन विभाग ने कवायद शुरू कर दी है। उतरौला के शाहपुर इटई, शिवगढ़, परासखाल, दुल्हिनपुर, बालपुर, राजापुर भरिया नर्सरी में 14 लाख 86 हजार पौधे तैयार किए जा रहे हैं, जो शहर से लेकर जंगल तक रोपित किए जाएंगे। इससे लोगों को शुद्ध हवा मिल सकेगी। साथ ही हरियाली को बढ़ावा मिलेगा। इनमें औषधीय पौधे भी शामिल हैं। इनका उपयोग लोग दवाओं में किया जाता है।
पौधों की तैयार की जा रही खेप
-शाहपुर इटई व राजापुर भरिया में डेढ़-डेढ़ हेक्टेयर में चार लाख 76 हजार पौधा तैयार किया जा रहा है। वन अधिकारी जहूर खां का कहना है कि दो लाख पौधे, नर्सरी में बने नाली की तरह खेतों से निकाल कर थैले में रख दिए गए है। इसी तरह से कुआना रेंज में दुल्हिनपुर, शिवगढ़, बालपुर व परासखाल में दस लाख दस हजार पौधे तैयार किए जा रहे हैं।
इन पौधों की है उपलब्धता :
-गूलर, हरसिगार, आंवला, कटहल, अर्जुन, सागौन, महुवा, नीम, गुलमोहर, अमरूद, बेल, शरीफा, जामुन, सहजन, कैथा, बांस, सेमर, बुटेल, शहजन, अगस्ता, सर्पगंधा, अश्वगंधा, वन तुलसी, एलोवेरा, पीपल, इमली, बरगद, पाकड़, अमलताश, कंजा सहित अन्य कई प्रजाति के पौधे तैयार किए जा रहे हैं। वन क्षेत्राधिकारी बकाउल्ला खां ने बताया कि 14 लाख 86 हजार पौधे नर्सरी में लगाए गए हैं जो जून 2021 तक रोपित करने लायक हो जाएंगे। सोहेलवा वन प्रभाग की नर्सरी के पौधे इसमें शामिल नहीं हैं। पिछले साल 26 लाख 82 हजार का लक्ष्य मिला था। इस बार अब तक लक्ष्य नहीं मिला है, लेकिन पौधे तैयार किए जा रहे हैं।
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