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संस्कारयुक्त शिक्षा से सुधरेगी युवा पीढ़ी

बच्चों का भविष्य सुधारने के लिए जरुरी है उन्हें संस्कारी बनाना। यह तभी संभव है जब माता-पिता व अभिभावक संस्कारवान हों। गर्भस्थ शिशु पर सबसे ज्यादे प्रभाव माता का पड़ता है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Nov 2019 05:13 PM (IST)Updated: Tue, 19 Nov 2019 05:13 PM (IST)
संस्कारयुक्त शिक्षा से सुधरेगी युवा पीढ़ी

जागरण संवाददाता, सुखपुरा (बलिया): बच्चों का भविष्य सुधारने के लिए जरुरी है उन्हें संस्कारवान बनाना। यह तभी संभव है जब माता- पिता व अभिभावक संस्कारवान हों। गर्भस्थ शिशु पर सबसे ज्यादा प्रभाव माता का पड़ता है। इसलिए बच्चों को गुणवान व संस्करवान बनाने में मां की भूमिका अहम है। यह बात स्वामी परमेश्वरानंद सरस्वती (उड़िया बाबा) ने भोजपुरी साहित्यकार बृज मोहन प्रसाद अनारी के आवास पर आयोजित कार्यक्रम में कही। उन्होंने समाज में फैली कुरीतियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इससे बचने का एकमात्र रास्ता ईश्वर की भक्ति है। शुद्ध मन व पवित्र हृदय से ईश्वर के प्रति अनुराग पैदा करना होगा तभी मानवता को जीवित रखा जा सकता है। इस मौके पर सत्येन्द्र कुमार, जितेंद्र प्रताप सिंह, मौलाना शौकत अली, रमाशंकर यादव, कैलाशी, बेचूराम, राजेंद्र सिंह गंवार, धन्नु यादव, प्रभा, लालसा, नेहा, शैलेंद्र, धनराज आदि मौजूद थे।

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