जिला पंचायत सदस्यों की सीटों का परिणाम घोषित करने में कसरत
जिला पंचायत सदस्य पद के रिजल्ट को लेकर प्रशासन को जिला मुख्यालय पर
जागरण संवाददाता, बलिया : जिला पंचायत सदस्य पद के रिजल्ट को लेकर प्रशासन को जिला मुख्यालय पर सीआरओ कार्यालय में काफी मेहनत करनी पड़ी। मतगणना के दो दिन बाद वार्डों को निर्णय फाइनल करने में दिक्कत हुई। कलेक्ट्रेट में गहमागहमी रही। प्रत्याशी व उनके समर्थकों को काफी जलालत झेलनी पड़ी।
दो मई को शुरू हुई मतगणना के बाद दूसरे दिन लगभग 17 ब्लाक में 58 पदों के लिए हुए चुनाव का रिजल्ट आ गया। मुख्यालय पर जीते प्रत्याशियों को प्रमाण पत्र देने की तैयारी थी। ब्लाक स्तर पर घोषित व गड़बड़ी की आशंका वाले जिला मुख्यालय पर जिला निर्वाचन अधिकारी से मिलकर शिकायत की। सीआरओ कोर्ट में हुए मतों के मिलान के बाद निर्णय दिया गया। पांच मई की देर शाम तक फाइनल सूची जारी नहीं की थी। 50,51 व 52 फार्म नहीं भरे जाने से आई दिक्कत
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के मतगणना के दौरान फार्म 50, 51 व 52 भरना अनिवार्य था। कुछ आरओ ने इस फार्म को नहीं भरा था। मतों का बूथवार मिलान में दिक्कत आई। प्रशासन को इसी फार्म को दुरूस्त करने में काफी समय लग गया। जिपं सदस्य के कई वार्ड में संशय की स्थिति
जिला पंचायत सदस्य पद के कुछ वार्ड में विजयी उम्मीदवारों को लेकर बना संशय इस पंचायत चुनाव का सबसे चर्चित लम्हा रहा। विकासखंड स्तर पर मतगणना हुई। जिला मुख्यालय पर सिर्फ फीडिग कर प्रमाण पत्र दे देना था लेकिन ऐसा लग रहा था जैसे मानो मुख्य राजस्व अधिकारी न्यायालय कक्ष में दोबारा मतगणना हो रही हो। न्यायालय कक्ष में जहां फीडिग हो रही थी, वहां उम्मीदवार और उनके समर्थकों की भीड़ जमी थी। कई वार्ड से प्रमाण पत्र लेने पहुंचे दो-दो उम्मीदवार
विकासखंड पर हुई मतगणना के बाद वहीं पर स्थिति स्पष्ट हो जानी चाहिए थी, लेकिन नहीं होने के कारण स्थितियां हो गई थी कि मुख्य राजस्व अधिकारी के यहां प्रमाण पत्र लेने के लिए कई वार्ड से दो-दो उम्मीदवार पहुंच गए थे। सभी उम्मीदवार खुद को विजेता होने की बात कह रहे थे। पहले किसी को, फिर किसी और को दिया प्रमाण पत्र
जिला पंचायत के वार्ड नंबर तीन में तो पहले एक उम्मीदवार को प्रमाण पत्र दिया गया, और उसके बाद अधिकारियों को गलती का एहसास हुआ था उसे सही करके उस प्रमाण पत्र को फाड़ कर दूसरे उम्मीदवार को विजेता घोषित कर प्रमाण पत्र दे दिया गया। चर्चित रहा वार्ड नंबर-14, रनर ने लगाया नाइंसाफी का आरोप
मतगणना के बाद विजेता की घोषणा को लेकर वार्ड नंबर 14 भी काफी चर्चा में रहा। मतगणना के बाद वहां ललिता देवी व अनीता साहनी दोनों उम्मीदवार खुद के विजयी होने का दावा कर रहे थे। ललिता देवी के विजेता होने की खबर तो चारों ओर फैल भी चुकी थी, लेकिन फीडिग के बाद अनिता साहनी को विजेता घोषित कर प्रमाण पत्र दिया गया। ललिता देवी के पति अशोक यादव ने खुद के साथ नाइंसाफी का आरोप लगाया।