दवा खाने के बाद रोशनी जाने का आरोप लगाकर हंगामा
बलिया जिला अस्पताल में उपचार करवाने आए एक दंपती ने दवा खाने के कारण आंख की रोशनी चले जाने का आरोप लगाते हुए हंगाम कर दिया। इसकी जानकारी होते ही अस्पताल प्रशासन में हड़कप मच गया। तत्काल चिकित्सकों की टीम ने बच्चे का परीक्षण करने के उपरांत उसे वाराणसी के लिए रेफर कर दिया।
जासं, बलिया : जिला अस्पताल में शनिवार को उपचार कराने आए एक दंपती ने दवा खाने के कारण आंख की रोशनी चले जाने का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। इसकी जानकारी होते ही तत्काल चिकित्सकों की टीम ने बच्चे का परीक्षण करने के उपरांत उसे वाराणसी के लिए रेफर कर दिया।
सुखपुरा थाना क्षेत्र के बसंतपुर निवासी अनिल व उसकी पत्नी सीता अपने छह वर्षीय बीमार पुत्र ओमी कुमार को लेकर जिला अस्पताल पहुंची। यहां बाल रोग विभाग से बच्चे को दिखाकर अस्पताल से दवा ले लिया। रात में बुखार ज्यादा होने पर सीता ने ओमी को दवा खिलाकर सुला दिया। सुबह जब ओमी जगा तो उसने आंख से कुछ भी दिखाई न देने की बात कही। इसकी जानकारी होते ही परिवार के लोग सन्न रह गए। उन्होंने तत्काल बच्चे को लेकर उक्त चिकित्सक को दिखलाया। चिकित्सक ने जांचोपरांत नेत्ररोग विशेषज्ञ को रेफर कर दिया। सीता अपने बच्चे को लेकर नेत्ररोग विशेषज्ञ के पास पहुंची जहां उन्होंने सीटी स्कैन व कुछ अन्य जांच करवा कर रिपोर्ट दिखलाने की बात कही।
परिजनों ने बीमार बालक की सभी जांच करवाने के बाद चिकित्सक को दिखाया। चिकित्सक ने रिपोर्ट देखने के बाद वाराणसी रेफर कर दिया। हालांकि परिजन बालक को कदम चौराहा स्थित एक प्राइवेट नर्सिग होम में दिखलाने चले गए जहां के बाल रोग चिकित्सक ने जांच लिख दिया। इस पर परिजन वापस जिला अस्पताल की इमरजेंसी पहुंचे और अस्पताल प्रशासन के खिलाफ हंगामा किया। चिकित्सकों ने किसी तरह समझा-बुझाकर परिजनों को शांत कर उन्हें बीएचयू में दिखलाने की सलाह दी। ''बच्चा कई दिनों से बुखार से पीड़ित था। परिजनों के उपचार विलंब से करवाने के कारण बालक में मस्तिष्क ज्वर होने की आशंका है। इस कारण धीरे-धीरे रोशनी जाने की संभावना है। बच्चा होने के कारण पूरी रोशनी जाने के बाद पता चला। अस्पताल के विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम ने जांच की है, उन्हें बीएचयू दिखाने की सलाह दी गई है जहां रोशनी आ सकती है।''
-डा. बीपी सिंह, सीएमएस जिला अस्पताल।