यहां पंचायत चुनाव में जहरीली शराब से हुई थीं तीन मौतें
मीरजापुर में जहरीली शराब से चार लोगों की मौत ने प्रशासन को विचार
जागरण संवाददाता, बलिया : मीरजापुर में जहरीली शराब से चार लोगों की मौत ने प्रशासन को विचार करने के लिए मजबूर कर दिया है। अवैध शराब करोबारी की चूक से यहां भी तीन लोगों की मौत हुई थी। इसके बाद भी अवैध शराब का कारोबार थम नहीं रहा है। यूपी-बिहार की सीमा पर अवैध शराब का धंधा करने वाले यहां भी सक्रिय हैं। वहीं ईंट-भट्ठों पर भी बड़े पैमाने में कारोबार चलता है। चूंकि फिर पंचायत चुनाव आ गया है। ऐसे में कारोबारी फिर सक्रिय हो गए हैं।
आज भी नवंबर 2015 में हनुमानगंज के धरहरा गांव में जहरीली शराब से हुई तीन लोगों की मौत की घटना को यादकर हर कोई सिहर उठता है। हनुमानगंज के धरहरा गांव में प्रधान पद के एक प्रत्याशी ने मतदाताओं को लुभाने के लिए बाटी-चोखा की दावत दी थी। इसमें देशी जहरीली शराब की बोतल बांटी गई, इसके सेवन से पहले कुंदन प्रसाद गुप्ता (60), केशव बिद (62), रामगोविद (58) की आंखों की रोशनी चली गई थी। बाद में तीनों की मौत हो गई। अनदेखी से लिया कुटीर उद्योग का रूप
जिले के बैरिया, रेवती, मनियर, सिकंदरपुर, बांसडीह, रसड़ा, नगरा, गड़वार व सुखपुरा थाना क्षेत्र अवैध शराब का गढ़ माना जाता है। यह प्रशासन की अनदेखी से धीरे-धीरे कुटीर उद्योग का रूप ले चुका है। इस पर नियंत्रण करना पुलिस व आबकारी विभाग के लिए चुनौती भरा है। प्रशासन दयाछपरा गांव में बड़े पैमाने पर कच्ची शराब के अवैध उत्पादन पर रोक नहीं लगाया तो इस क्षेत्र में किसी दिन भारी जनहानि हो सकती है। डीएम के निर्देश पर चुनाव को देखते हुए हर तहसील पर एसडीएम, सीओ व आबकारी निरीक्षक की टीम गठित की हैं। यह टीम अवैध शराब के अड्डे, ईंट-भट्ठों पर छापेमारी करेगी। वहीं अंग्रेजी, देसी, बियर की दुकानों की जांच भी करेंगे।
-अनुपम राजन, आबकारी अधिकारी।