एनएच-31 की नहीं सुधरी डगर, कठिन हुआ सफर
जागरण संवाददाता बलिया राष्ट्रीय राज मार्ग-31 की दुर्दशा बढ़ती जा रही है। इंटरनेट मीडिय
जागरण संवाददाता, बलिया : राष्ट्रीय राज मार्ग-31 की दुर्दशा बढ़ती जा रही है। इंटरनेट मीडिया पर सड़क को लेकर मुहिम चल रही है। एनएच के फोटो के साथ काला झंडा युवा शेयर कर रहे हैं। सवाल दाग रहे हैं, क्या यही है बलिया का विकास। फिर भी जनप्रतिनिधियों या एनएचएआइ के अधिकारियों ने मरम्मत के लिए कोई तेजी नहीं दिखाई। एक साल पहले 102 करोड़ का टेंडर हुआ था। गाजीपुर से बलिया के मांझी घाट तक 130 किमी की यह सड़क नहीं बन सकी। सड़क पर जानलेवा गड्ढे हैं। वाहन 20 या 30 की स्पीड में ही चल पा रहे हैं। रोज दुर्घटनाएं हो रहीं हैं। दर्जनों लोगों की मौत हो गई, फिर भी जिम्मेदार जनता को गुमराह कर रहे हैं। प्रति दिन छोटे बड़े लगभग 10 हजार वाहनों का परिचालन होता है।
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बैरिया में कराया पांच किमी कार्य, वह भी उखड़ा
मरम्मत में सबसे ज्यादा झूठ एनएचएआइ ने बोला। बैरिया के तरफ की जनता ने सड़क को लेकर आंदोलन किया तो अधिकारियों ने बोला एक माह में सड़क बन जाएगी, लेकिन चार साल हो गये। जून 2020 में जयपुर की कंपनी कृष्णा इंफ्रास्ट्रक्चर को टेंडर मिला। कार्य अवधि एक साल दी गई। बैरिया में मात्र पांच किमी कार्य कराया। यहां दोबारा गड्ढे हो गये। जब विरोध शुरू हुआ तो एचएचएआइ के अधिकारियों ने कहा कि सात जुलाई से कार्य लगेगा और तेजी से पूर्ण होगा, लेकिन नतीजा शून्य पर ही टिका रहा।
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कहां कितने फीसद खराब है सड़क
95 : फीसद बेलहरी से मांझी घाट 27 किमी।
40 : फीसद बेलहरी हल्दी से तक 5 किमी।
50 : फीसद हल्दी से बलिया तक 18 किमी।
90 : फीसद शहर से माल्देपुर नसीराबाद तक 5 किमी।
50 : फीसद नसीराबाद से भरौली तक 30 किमी।
40 : फीसद भरौली से गाजीपुर तक 47 किमी।
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कोट
बरसात के बाद तेजी से मरम्मत कार्य होगा। मोहम्मदाबाद में कंपनी ने बड़ा प्लांट स्थापित किया है। ड्रोन कैमरा से निगरानी किया जाना है। टेंडर में एग्रीमेंट होता है। कंपनी को अलग-अलग चेतावनी नोटिस दी गई है। ड्रोन कैमरा से जांच के लिए ड्रोन एंजेसी का टेंडर अभी नहीं हुआ है। --- योगेंद्र प्रताप सिंह, तकनीकी प्रबंधक, एनएचएआइ