राम नाम संकीर्तन का फल कभी नहीं होता निष्फल
जागरण संवाददाता बलिया स्वामी हरिहरानंदजी महाराज का मंगलवार को कल्पना कालोनी में स्वागत
जागरण संवाददाता, बलिया : स्वामी हरिहरानंदजी महाराज का मंगलवार को कल्पना कालोनी में स्वागत किया गया। भक्तों ने स्वामी जी को फूल मालाओं से लाद दिया।
रामकथा में स्वामीजी ने कहा कि राम नाम संकीर्तन का फल कभी भी निष्फल नहीं हो सकता। बस इसे लगन से करते रहना चाहिए। आधुनिक युग की भागदौड़ में लोग थोड़े से समय में ही अत्यधिक लाभ के चक्कर में पड़ जाते हैं। इससे स्थिति बिगड़ने लगती है। कहा कि चोरी व लूट के माध्यम से ही कम समय में ज्यादा लाभ लिया जा सकता है। उदाहरण देते हुए स्वामीजी ने कहा कि किसान पहले अपने खेतों की जोताई व बोआई करता है। इसके बाद फसल तैयार होती है। इसके लिए वह चार माह तक इंतजार करता है। इसके बाद उसे अपनी कड़ी मेहनत का फल मिलता है। इसी तरह पूजा पाठ भी है। इसमें भी लोग कम समय ही अधिक लाभ मिलने की उम्मीद करते हैं। कहा कि संकीर्तन व हनुमान चालीसा का पाठ मन लगाकर शुद्धता से करनी चाहिए।
भक्त अरविद सिंह के आवास पर आयोजित प्रवचन में स्वामी जी ने कहा कि कलियुग के प्रभाव को कम करने में यह मंत्र सबसे अधिक कारगर है। इसे हर किसी को करना चाहिए। इससे लाभ ही लाभ है। इसमें किसी तरह की हानि है ही नहीं। कहा कि कभी-कभी इस महामंत्र का जप करने के बाद भी अपेक्षित लाभ मिलता दिखाई नहीं देता है। इसके पीछे पूर्व जन्म का अधिक पाप होता है। इससे विचलित नहीं होना चाहिए। अपना काम करते रहना चाहिए। स्वामी जी ने राम नाम संकीर्तन के चार लाभ भी बताएं। कहा कि इससे मनुष्य की हर मनोकामना पूरी होने के साथ ही दुख व कष्टों का निवारण होता है। संकीर्तन करने वाला व्यक्ति गलत संगत से दूर रहता है। यह गलत रास्ते पर जाने से रोकता है। तीसरा राम नाम संकीर्तन से मानव को मोक्ष की प्राप्ति होती है। वहीं इस रामनाम से मानव को लाभ ही लाभ है। इस मौके पर वीरेंद्रजी, आईडी मिश्र, पं. लाल जी पांडेय, प्रवीण कुमार सिंह, संजय सिंह, नित्यानंद आदि मौजूद थे।