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मुल्क की सलामती व तरक्की के लिए मांगी दुआएं

माह-ए-रमजान के दूसरे जुमे पर शहर सहित ग्रामीण इलाकों की सभी मस्जिदों में मुस्लिम बंधुओं ने अकीदत व एहतराम के साथ नमाज पढ़ी। तेज धूप और गर्म हवाओं के बावजूद भी भूख प्यास सब भूलकर मुस्लिम बंधु अल्लाह की इबादत में मशगूल रहे।

By JagranEdited By: Published: Sat, 18 May 2019 01:03 AM (IST)Updated: Sat, 18 May 2019 06:21 AM (IST)
मुल्क की सलामती व तरक्की के लिए मांगी दुआएं
मुल्क की सलामती व तरक्की के लिए मांगी दुआएं

जागरण संवाददाता, बलिया : माह-ए-रमजान के दूसरे जुमे पर शहर सहित ग्रामीण इलाकों की सभी मस्जिदों में मुस्लिम बंधुओं ने अकीदत व एहतराम के साथ नमाज पढ़ी।

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तेज धूप और गर्म हवाओं के बावजूद भूख प्यास सब भूलकर मुस्लिम बंधु अल्लाह की इबादत में मशगूल रहे। शुक्रवार को मस्जिदों से जैसे ही अजान सुनाई पड़ी, वैसे ही बड़े, बुजुर्ग व बच्चे नए-नए कपड़े पहन कर व इत्र लगाकर मस्जिदों की तरफ चल दिए। सबसे पहले नमाजियों ने दो रकात मस्जिद दाखिला पढ़ी और इमाम साहब द्वारा की जा रही तकरीर को सुनने में मशगूल हो गए। इस दौरान नगर में विशुनीपुर मस्जिद, बड़ी मस्जिद, काजीपुरा, कलेक्ट्रेट परिसर, बहेरी, उमरगंज, परमंदापुर सहित अन्य मस्जिदों में अकीदत के साथ नमाज पढ़ी गई।

तकरीर करते हुए इमाम साहब ने रोजा की फजीलत व उसकी अहमियत पर पर्याप्त रोशनी डाली। इमाम साहब ने तकरीर में कहा कि हर सेहतमंद व्यक्ति पर रोजा फर्ज है, अगर वह जानबूझकर रोजा नहीं रह रहा है तो वह गुनाह का हकदार होगा। रोजा पाक साफ हालत में रहनी चाहिए। तकरीर के बाद इमाम साहब ने खुतबा पढ़ा और उसके बाद लोगों ने जमात में खड़े होकर जुमे की नमाज पढ़ी। नमाज के अंत में इमाम साहब ने मुल्क की सलामती व तरक्की के लिए दुआ मांगी। नमाज के बाद मस्जिदों के बाहर लगी दुकानों पर लोगों ने जमकर खरीदारी की। मस्जिदों के बाद टोपी व दीनी तालीम की किताबों की दुकानों पर मुस्लिम बंधुओं ने जमकर खरीदारी की।


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