डीआइओएस कार्यालय के लिपिकों की तैयार हो रही कुंडली
जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय के डिस्पैच रजिस्टर में कूटरचना से जु
जागरण संवाददाता, बलिया : जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय के डिस्पैच रजिस्टर में कूटरचना से जुड़े मामले की जांच कर रही त्रिस्तरीय समिति अब लिपिकों का ब्योरा जुटा रही है। कोशिश है कि अब तक जितने लिपिक यहां काम कर चुके हैं या कर रहे हैं सभी की जानकारी जुटाई जा सके। इसमें पता लगाया जाएगा कि किसने किसे कब चार्ज दिया और कब किससे खुद चार्ज लिया। इससे तस्वीर काफी हद तक साफ हो जाएगी।
मामले की जांच के लिए डीआइओएस डा. ब्रजेश मिश्र ने समिति गठित की थी। सह जिला विद्यालय निरीक्षक, वित्त व लेखाधिकारी माध्यमिक शिक्षा तथा राजकीय बालिका इंटर कालेज चितबड़ागांव के प्रधानाचार्य शामिल हैं। समिति को 15 दिन में रिपोर्ट देनी थी, लेकिन इसमें देर हो गई है। अभी कई पहलुओं पर जांच बाकी है। डीआइओएस ने कहा कि मामले की विस्तृत जांच से सच्चाई सामने आएगी। दोषियों पर कार्रवाई अवश्य होगी।
इस प्रकरण में पीडी इंटर कालेज गायघाट के कला अध्यापक नमो नारायण तिवारी ने संयुक्त शिक्षा निदेशक को शिकायती पत्र दिया था कि डीआइओएस कार्यालय के डिस्पैच पंजिका में एक जून 2003 से 27 जून 2003 के मध्य निर्गत पत्र उपलब्ध नहीं हैं। इसके लिए उन्होंने डिस्पैच लिपिक संजय प्रकाश को दोषी मानते हुए विधिक कार्रवाई की मांग की है। इस पत्र को संज्ञान में लेते हुए संयुक्त शिक्षा निदेशक योगेंद्र कुमार सिंह ने जिला विद्यालय निरीक्षक को उक्त प्रकरण की जांच कर विधिक कार्रवाई की संस्तुति की है। -इन बिदुओं की हो रही जांच
संयुक्त शिक्षा निदेशक के आदेश के अनुपालन में डीआइओएस ने समिति को निर्देशित किया है कि प्रश्नगत प्रकरण में कौन दोषी है और किस प्रकार दोषी है, इसकी गहनता से जांच की जाए। जांच के दौरान यह भी देखा जाए कि वर्ष 2000 से लेकर 2020 तक के डिस्पैच पंजिकाओं की वर्तमान स्थिति क्या है। किन-किन वर्षों की डिस्पैच रजिस्टर उपलब्ध नहीं हैं। किस वर्ष के डिस्पैच रजिस्टर में ज्यादा अनियमितता की गई है।