जिम्मेदारों की लापरवाही से कटी जिले की नाक
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बलिया: मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट कन्या सुमंगला योजना में भी जनपद फिसड्डी साबित हुआ है। अधिकारियों की घोर लापरवाही से एक बार फिर जनपद की नाक कट गई। कन्या सुमंगला योजना के क्रियान्वयन में की गई हिलाहवाली से प्रदेश के दस फिसड्डी जिलों में अपना स्थान कायम किया है। आलम यह है कि जिस योजना को लेकर लगातार शासन स्तर से समीक्षा की जा रही है।
उसमें चौदह हजार से अधिक आवेदन सत्यापन के अभाव में लंबित पड़े है। इसके लिए जहां एक तरफ शासन व निदेशालय से लगातार रिमाइंडर भेजा जा रहा है। वहीं जिलाधिकारी भी अपने स्तर से कार्य में तेजी लाने के लिए प्रयासरत हैं। बावजूद योजना रेंगती नजर आ रही है। उसकी रफ्तार को मानो लापरवाही का ब्रेक सा लग गया हे। हालात यह है कि मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के आवेदन पत्र विभिन्न विभागों के पोर्टल पर पड़े-पड़े सत्यापन के लिए अधिकारियों की बाट देख रहा है। यह स्थिति तब है जब सरकार इसे शीघ्रता से क्रियान्वित करने के लिए प्रतिबद्ध है।अधिकारियों की यह लापरवाही उनकी कार्यशैली पर प्रश्नचिह्न खड़ा कर रहा है।
एक नजर इधर भी
जनपद में विभिन्न विकास खंडों में कुल 3480 आवेदन सत्यापन के लिए अटके पड़े हैं। जबकि खंड शिक्षा अधिकारियों की हिलाहवाली से कुल 4398 आवेदन अभी तक सत्यापन की राह देख रहे हैं। लगभग ऐसी ही स्थिति जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय का भी है। इस कार्यालय के पटल पर कुल 5533 मामलों का सत्यापन नहीं हो पाया है। वहीं बेसिक शिक्षा अधिकारी के पटल पर सबसे कम 578 आवेदन सत्यापन का इंतजार कर रहें हैं। अभी तो यह लापरवाही का श्रीगणेश है। इसका दायरा विभिन्न तहसीलों तक भी है। जिले के विभिन्न उपजिलाधिकारियों की वजह से कुल 123 आवेदन लंबित पड़े हैं। इसमें सदर तहसील में 35, बांसडीह में 72 मामले लंबित हैं। शेष बची तहसीलों की स्थिति काफी अच्छी है। इसमें बेल्थरारोड में 11, बैरिया में दो, रसड़ा में एक व सिकंदरपुर में महज दो आवेदन पत्र लंबित है। शायद इन स्थितियों की वजह से ही मुख्यमंत्री सुमंगला योजना अपने अस्तित्व से जूझ रही है और प्रदेश के फिसड्डी जिलों में अपना नाम दर्ज करा लिया।
आंकड़ों की नजर में योजना
कन्या सुमंगला योजना का लक्ष्य: 32000
अब तक प्राप्त आवेदन: 25508
लंबित आवेदनों की संख्या: 17986
---वर्जन----
सभी जिम्मेदार अधिकारियों को लंबित मामलों को यथाशीघ्र निपटाने का निर्देश दिया गया है। विभिन्न विभागों के पोर्टल पर कुछ ऐसे भी आवेदन दिख रहे हैं जो अपूर्ण थे। सभी संबंधित अधिकारियों को इस बाबत आदेश जारी कर दिया गया है। उम्मीद है जल्दी ही स्थिति में सुधार परिलक्षित होगा।
-बद्रीनाथ सिंह, सीडीओ