बर्फीली हवा से गिरा पारा, धूप का ही सहारा
पूरे दिन छाई रही हल्की धुंध शीतलहर से सड़कों पर कम दिखे वाहन मौसम -ठंड से घरो
पूरे दिन छाई रही हल्की धुंध, शीतलहर से सड़कों पर कम दिखे वाहन
मौसम
-ठंड से घरों में कैद रहे लोग, अलाव ही बना सहारा
-दैनिक मजदूरी करने वालों को हो रही अधिक दिक्कत जागरण संवाददाता, बलिया: जिले में ठंड का प्रकोप दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। पूरे दिन हल्की धुंध छाई रही, जिसके चलते एक बार भी धूप के दर्शन नहीं हो सका। वहीं, शीतलहर के चलने से ठंड बढ़ गई है। शनिवार की सुबह ठंड के कारण लोग घरों के बाहर नहीं निकल सके। वहीं ग्रामीण अंचलों में आग ही सहारा बना। यहां तक कि लोग कार्यालय में भी विलंब से पहुंचे। अगले कुछ दिन फिलहाल ठंड के प्रकोप से राहत मिलने के कोई आसार नहीं दिख रहे हैं। ठंडी हवाएं चलने और शीतलहर से पारा सामान्य से काफी नीचे लुढ़क गया है। दोपहर तक धूप निकला लेकिन वह पूरी तरह से बेअसर रहा। ठंड का असर गरीबों पर दिखाई पड़ा। आग के सहारे वे ठंड भगाते नजर आए। बच्चे, बुजुर्ग व महिलाएं ज्याद ठंड की चपेट में आ रही हैं। सबसे अधिक दिक्कत पशु पालक व दैनिक मजदूरी करने वालों को हो रही है। ठंड के चलते काम का भी अभाव है। पर्यावरणविद् डा. गणेश पाठक ने बताया कि इस वर्ष जाड़े का कहर बसंत पंचमी तक झेलना पड़ सकता है। वैसे भी इस वर्ष जाड़े की शुरूआत देर से हुई है और वर्तमान समय में इधर कुछ वर्षों से जो मौसम परिवर्तन का सिलसिला चल रहा है, उसके अनुसार प्रत्येक ऋतु देर से शुरू होकर आगे की तरफ खीच रही है। इस हिसाब से भी यह अनुमान लगाया जा सकता है कि इस वर्ष जाड़े का मौसम फरवरी तक जा सकता है। शीतलहर यदि बहुत आवश्यक हो तभी घर से बाहर निकलना चाहिए और पर्याप्त गरम कपड़ा पहनना चाहिए। अलाव तापना सबसे हितकारी होता है।