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सिलेंडर विस्फोट की बढ़ती घटनाएं, असल दोषी कौन

गैस सिलेंडर विस्फोट की घटनाओं के पीछे स्वयं की लापरवाही है या संबंधित कंपनी की कमी। मऊ के दर्दनाक घटना के बाद इस तरह के सवाल हर जगह हो रहे हैं। मऊ में मुहम्मदाबाद गोहना कोतवाली क्षेत्र के वलीदपुर में सोमवार की सुबह इस हादसे में कुल 13 लोगों की असमय मौत हो गई। इस घटना के साथ ही जिले की भी सिलेंडर विस्फोट की सभी घटनाएं ताजी हो चलीं हैं। बलिया में जयप्रकाशनगर के दलजीत टोला नई बस्ती गांव में विगत 11 मई 201

By JagranEdited By: Published: Tue, 15 Oct 2019 04:58 PM (IST)Updated: Tue, 15 Oct 2019 04:58 PM (IST)
सिलेंडर विस्फोट की बढ़ती घटनाएं, असल दोषी कौन
सिलेंडर विस्फोट की बढ़ती घटनाएं, असल दोषी कौन

जागरण संवाददाता, बलिया : गैस सिलेंडर विस्फोट की घटनाओं के पीछे स्वयं की लापरवाही है या संबंधित कंपनी की कमी। मऊ के दर्दनाक घटना के बाद इस तरह के सवाल हर जगह हो रहे हैं। मऊ में मुहम्मदाबाद गोहना कोतवाली क्षेत्र के वलीदपुर में सोमवार की सुबह इस हादसे में कुल 13 लोगों की असमय मौत हो गई। इस घटना के साथ ही जिले की भी सिलेंडर विस्फोट की सभी घटनाएं ताजी हो चलीं हैं। बलिया में जयप्रकाशनगर के दलजीत टोला नई बस्ती गांव में विगत 11 मई 2018 को मऊ की तरह ही दर्दनाक घटना हुई थी। उसमें कुल 13 लोग घायल हुए थे, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई थी। उसके बाद भी जनपद में आधा दर्जन घटनाएं जिले के विभिन्न स्थानों पर हुई। हलांकि जयप्रकाशनगर क्षेत्र की घटना में जिन लोगों की मौत हुई थी, उनके परिजनों को घटना के 14 माह बाद छह लाख प्रति मृतक के हिसाब से एचपी गैस कंपनी की ओर से मुआवजा दिया गया है, लेकिन सिलिडर विस्फोट जैसी घटना क्यों हो रही है, इस बिदु पर किसी भी कंपनी एजेंसी संचालन अपना मुंह खोलने को तैयार नहीं है। उनका इशारा उपभाक्ताओं की लापरवाही की ओर है। -एक्सपायरी डेट की सिलेंडरों से होती ज्यादा घटनाएं

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जानकार बताते हैं कि अक्सर एक्सपायरी डेट की सिलंडरों के चलते सिलेंडर विस्फोट की घटनाएं हो रही हैं। जबकि संबंधित कंपनी के लोग इसके लिए उपभोक्ता को ही जिम्मेदार ठहराते हैं।  इसलिए जरुरी है कि उपभोक्ता जब भी एलपीजी गैस सिलेंडर को खरीदें तो उसकी एस्पायरी डेट की जांच जरुर करें। एक्सपायरी डेट के सिलेंडर का प्रयोग करना न केवल दुर्घटना को दावत देना है, बल्कि ऐसा करने से आपके साथ परिवार की जान को भी खतरा हो सकता है। गैस ऐजेंसियां भी अपने उपभोक्ताओं को इस बारे में कोई जानकारी नहीं देती हैं। जबकि ऐसे सिलेंडरों की बिक्री करना ही प्रतिबंधित होता है।

-इस तरह जांच करें सिलेंडर की एक्सपायरी डेट

एलपीजी गैस सिलेंडर के सबसे उपरी भाग जहां रेगुलेटर लगाया जाता है, वहां एक पीले या सफेद रंग की पट्टी बनी होती है जिसपर अंग्रेजी के अक्षर ए, बी, सी,डी के साथ कुछ अंक लिखे होते हैं। ये ए, बी, सी, डी कुछ और नहीं बल्कि तीन-तीन महीनों ग्रुप होते हैं। अंग्रेजी के ये अक्षर एलपीजी सिलेंडर के एक्सपायर होने के महीने को प्रदर्शित करते हैं। यहां ए का मतलब मार्च, बी का मतलब जून, सी का मतलब सितंबर ओर डी का मतलब दिसंबर होता है। मतलब यदि किसी सिलेंडर की पट्टी पर डी-20 लिखा है तो इसका मतलब वह सिलेंडर दिसंबर 2020 तक उपयोग करने के लायक है। इसके बाद इस सिलेंडर का उपयोग करना घातक हो सकता है। -गैस सिलेंडर से दुर्घटना पर

मिलता है बीमा

घर की रसोई में रखे गैस सिलेंडर का भी बीमा होता हैं। यानी आप गैस सिलेंडर से हादसा होने पर बीमा क्लेम कर सकते हैं। गैस सिलेंडर से हादसा होने पर उपभोक्ता को कंपनी की ओर से 50 लाख रुपए तक का सामूहिक बीमा का प्रावधान है। जानकार बताते हैं कि गैस कनेक्शन लेते ही उपभोक्ता का 10 से 25 लाख रुपए तक का दुर्घटना बीमा हो जाता है। दुर्घटना होने के 24 घंटे के भीतर संबंधित एजेंसी और लोकल थाने को सूचना देनी होती है। साथ ही दुर्घटना में मृत्यु होने पर जरूरी प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने होते हैं। इसके बाद मामला क्षेत्रीय कार्यालय और फिर क्षेत्रीय कार्यालय बीमा कंपनी को सौंप दिया जाता है। -गैस रिफिलिग से भी हो सकते हैं हादसे

नगर में गैस रिफिलंग के कार्य भी दर्जनों स्थानों पर होते हैं, ऐसे में मऊ जैसे हादसों से इनकार नहीं किया जा सकता। बहुत से दुकानदार बड़े गैस सिलेंडरों से छोटे सिलेंडरों में गैस रिफिल का काम करते हैं। यह सब एंजेंसी संचालकों की मिलीभगत से ही होता है।


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