राष्ट्रीय राजमार्ग-31 के निर्माण में फंसा पेंच, करना पड़ेगा और इंतजार
जागरण संवाददाता बलिया यूपी-बिहार को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग-31 की मरम्मत के लिए जन
जागरण संवाददाता, बलिया : यूपी-बिहार को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग-31 की मरम्मत के लिए जनपद के लोगों को अभी और इंतजार करना पड़ेगा। इस सड़क को बनाने के लिए वर्ष 2020 में जयपुर की कंपनी कृष्णा इंफ्रास्ट्रक्चर को 102 करोड़ में टेंडर दिया गया था। कंपनी ने बैरिया में मात्र 20 किलाकमीटर में निर्माण कराया था, लेकिन गुणवत्ता सही नहीं होने पर उसे भी एनएचएआइ ने रिजेक्ट कर दिया। एनएचएआइ ने कंपनी का टेंडर निरस्त करने के लिए रिपोर्ट मंत्रालय को भेजी है, लेकिन टेंडर अभी तक निरस्त नहीं हुआ है। कंपनी की ओर से अपनी समस्याओं का हवाला देते हुए न्यायालय में अपील की गई है। ऐसे में जब तक इस कंपनी का टेंडर निरस्त नहीं होगा, नया टेंडर नहीं हो सकता। एनएचएआइ के अधिकारियों की तैयारी थी कि नए सिरे से गाजीपुर से बलिया के मांझी घाट तक की 130 किमी की दूरी को तीन भाग में बांटकर टेंडर दिया जाए। इसके लिए 28 नवंबर को ही टेंडर खोलना था। अब पेंच फंसने पर विभाग की ओर से कहा जा रहा है कि सात दिसंबर तक न्यायालय से इस मामले में फैसला आने की संभावना है।
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एनएच-31 को तीन फेज में बांटने का प्रस्ताव
-68 : किलोमीटर गाजीपुर से फेफना तक।
-45 : किलोमीटर फेफना से चिरैयामोड़ तक।
-16 : किलोमीटर चिरैया मोड़ से जयप्रभा सेतु तक।
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--लाखों लोगों के लिए सिरदर्द बनी यह सड़क यह सड़क लाखों लोगों के लिए लगभग चार साल से सिर दर्द बन चुकी है। जनपद में लगभग 50 किमी तकपूरी तरह खराब हो चुकी सड़क पर उड़ती धूल के कारण लोग बीमार हो जा रहे हैं। हर दिन दुर्घटनाएं भी हो रहीं हैं। एक माह के अंदर केवल बैरिया क्षेत्र में दुर्घटना में चार लोगों की मौत हो चुकी है। प्रति माह लगभग 40 से 50 लोग घायल हो रहे हैं। बैरिया क्षेत्र के पिटू यादव, सुनील सिंह, मनोज सिंह आदि ने बताया कि आज तक ऐसी दुर्गति कभी नहीं हुई थी। यहां के जनप्रतिनिधियों को इस पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। जनता दिक्कतों से जूझ रही है। ----वर्जन----
गाजीपुर से बलिया के मांझी घाट तक 130 किलोमीटर की दूरी को तीन भाग में बांटकर टेंडर करना है। 28 नवंबर को टेंडर खोलना था, लेकिन कंपनी की ओर से न्यायालय में अपील की गई है। फैसले के अनुसार प्रक्रिया शुरू की जाएगी। योगेंद्र प्रताप सिंह, प्रोजेक्ट मैनेजर, एनएचएआइ।