मोबाइल टावरों के रेडिएशन विकिरण से रोगों का खतरा
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जासं, बलिया : मोबाइल के बढ़ते ग्राहकों संग मोबाइल टावरों की संख्या भी लगातार बढ़ते जा रही है लेकिन टावर लगाने के जो मानक हैं उस पर जिम्मेदारों के द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इस वजह से मकानों व दुकानों की छतों पर लगे मोबाइल टावर सेहत पर कई तरह से असर डाल रहे हैं। जिले भर के रिहायशी इलाकों में करीब 150 से भी अधिक टावरों को लगाने में खुलेआम मानकों की अनदेखी कहीं भी देखी जा सकती है।
हर माह हजारों की कमाई के चक्कर में मकान मालिक सेवा प्रदाता कंपनियों से करार कर टावर लगाने की अनुमति दे देते हैं। हैरानी की बात यह है कि मोबाइल कंपनियां यूडीए, पीडब्ल्यूडी और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से एनओसी लेना भी मुनासिब नहीं समझते। घनी आबादी के बीच अलग-अलग कंपनियों के कई मोबाइल टावर हैं। टावरों के रेडिएशन विकरण से जहां कई रोगों का खतरा रहता है वहीं कभी भी बड़े हादसे को नकारा नहीं किया जा सकता। नगर क्षेत्र में भी कई लोग अपने घरों के छतों पर मोबाइल टावर लगा रहे हैं।