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1995 में हुई थी सेना के रिटायर्ड सूबेदार की हत्या, दारोगा-डाक्टर भी थे दोषी

--- जागरण संवाददाता बलिया बांसडीह कोतवाली क्षेत्र के आदर गांव में सेवानिवृत्त सेना के जवान

By JagranEdited By: Published: Wed, 08 Sep 2021 05:28 PM (IST)Updated: Wed, 08 Sep 2021 05:31 PM (IST)
1995 में हुई थी सेना के रिटायर्ड सूबेदार की हत्या, दारोगा-डाक्टर भी थे दोषी
1995 में हुई थी सेना के रिटायर्ड सूबेदार की हत्या, दारोगा-डाक्टर भी थे दोषी

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जागरण संवाददाता, बलिया : बांसडीह कोतवाली क्षेत्र के आदर गांव में सेवानिवृत्त सेना के जवान की हत्या के आरोपितों की जमानत सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है। इससे एक बार फिर लोगों के मन में वह सब मंजर घूमने लगा है। वहीं पीड़ित परिवार ने अदालत के फैसले पर संतोष जताया है।

26 अक्टूबर 1995 की रात सेना के रिटायर्ड सूबेदार कृपाशंकर शुक्ला साइकिल से बांसडीह बाजार से गांव आ रहे थे। इस दौरान उनकी हत्या कर दी गई। तीन दिन बाद 28 अक्टूबर को उनका शव गांव से कुछ दूर कुएं से बरामद हुआ था। उस समय वे लगभग 45 वर्ष के थे। मामले में शुरू से लीपापोती की कोशिश की गई। काफी दिनों तक एफआइआर दर्ज नहीं हुई। मृतक के भाई व पत्नी को लंबी जंग लड़नी पड़ी। 23-12-1995 को मामले की जांच सीबीसीआइडी को सौंपी गई। उसकी रिपोर्ट पर 11-9-96 को पुलिस ने मामला दर्ज किया। इसमें सीबीसीआइडी वादी बना। इसमें स्वामी नाथ यादव (पुलिस विभाग), भाई विक्रमा यादव, सुरेंद्र पांडेय, झींगुर राजभर व उमेश कुमार पांडेय आरोपित बनाए गये थे। हल्का दारोगा जयनाथ यादव व पोस्टमार्टम करने वाले डाक्टर को भी साक्ष्य के साथ छेड़छाड़ करने का सहआरोपित बनाया गया था। 23 साल बाद जिला न्यायालय द्वारा आठ फरवरी 2018 को पांच आरोपितों को आजीवन कारावास की सजा हुई थी। दो माह बाद आरोपित उमेश पांडेय की मृत्यु जेल में हो गई थी। आठ महीने में ही अन्य चारों आरोपित जमानत पर छूट गए। पीड़ित परिवार ने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट का आदेश रद कर दिया है। डाक्टर व दारोगा को चार वर्ष की सजा हुई थी, जो जमानत पर हैं। कृपाशंकर की पत्नी शकुंतला 70 वर्ष की हो चुकी हैं। वे प्रयागराज में रहती हैं। उनके तीन बेटे व तीन बेटियां हैं। घटना के समय सभी काफी छोटे थे।

--------------- सियाचीन में रहे तैनात --

कृपाशंकर शुक्ला 26-10-73 को सेना में भर्ती हुए थे। वे सियाचीन में इलेक्ट्रिकल मैकेनिकल इंजीनिरिग कोर में तैनात थे। 26-10-95 को उनकी हत्या हो गई थी। वे दो साल पहले ही रिटायरमेंट लेकर घर आए थे।

----------------- इन अहम तथ्यों से सामने आया सच--

--घटना के दूसरे दिन कुएं की मुंडेर पर आरोपित उमेश पांडेय की रसीद मिली थी। उसने उसी दिन बाजार से टीवी के एंटीना में लगने वाला बूस्टर खरीदा था।

--पानी में 36 घंटे रहने के बाद भी शरीर फूला नहीं था। डूबने से मौत होती तो शरीर में काफी मात्रा में पानी भर जाता। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में डूबने से मौत बताई गई थी।

--मृतक की शर्ट की जेब में लोहे की चाबी थी जो शव मिलने के बाद वैसे ही मिली। यदि वे कुएं में गिरते तो चाबी भी गिर गई होती। पुलिस ने कुएं में गिरने की कही थी बात। भाई ने लगाई गुहार, गैंगस्टर एक्ट के तहत हो कार्रवाई

कृपाशंकर शुक्ला के भाई विजय शंकर शुक्ला ने परिवार की सुरक्षा के लिए मुख्यमंत्री से लेकर आला पुलिस अधिकारियों को पत्रक भेजा है। उन्होंने कई ट्वीट भी किए हैं। उनका कहना है कि दोषियों के भय से गांव छोड़ना पड़ा। आज भी भय के साये में जी रहे हैं। अपराधियों के खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई होनी चाहिए। उनकी हिस्ट्रीशीट भी खोलनी चाहिए।

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--माननीय सुप्रीम कोर्ट का फैसला ऐतिहासिक है। सुहाग उजड़ने के बाद मेरा सबकुछ खत्म हो गया। आरोपितों के डर के कारण मैंने गांव में रहना छोड़ दिया। सुरक्षा के लिए सीएम से भी गुहार लगाई गई है। दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए।--शकुंतला देवी।


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