आपदा की घड़ी में लाल बालू की तस्करी, टूट रहीं सड़कें
जागरण संवाददाता बलिया बाढ़ आपदा से लाखों की आबादी सड़कों पर है। रिग बंधा पर नदियों के
जागरण संवाददाता, बलिया : बाढ़ आपदा से लाखों की आबादी सड़कों पर है। रिग बंधा पर नदियों के पानी का दबाव है। इसके बावजूद लाल बालू के अवैध कारोबारी नहीं मान रहे हैं। वह सैकड़ों नाव बालू रोज सड़कों पर गिराकर ट्रकों से बिक्री कर रहे हैं। चांददियर, लालगंज, जयप्रकाशगर का इलाका लाल बालू का गढ़ बन गया है। ट्रकों की आवाजाही से सड़कें टूट रहीं हैं। पुलिस प्रशासन देख रहा है। जनप्रतिनिधि चुप है। पब्लिक दिन-रात ट्रैक्टरों के चलने से परेशान हैं। खनन विभाग भी कार्रवाई नहीं कर रहा। गुरुवार को दिन में ही चांददियर के बीएसटी बांध के टी आकार के स्पर के पास दर्जनों नावों से लाल बालू गिराया गया। सड़क की हालत पहले से ही जर्जर है। इधर 24 करोड़ से बीएसटी बांध की सड़क का निर्माण होना है, लेकिन ओवरलोड ट्रकों के चलते यह सड़क कितने दिन टिकेगी, सहज अनुमान लगाया जा सकता है। एनएच-31 की मरम्मत को जनप्रतिनिधियों की भी किरकिरी पहले ही खूब हो रही है। हालांकि शिकायत पर गुरुवार को देर शाम पुलिस ने एक-दो स्थानों पर जांच करना शुरू किया। चांददियर और मांझी में स्थिति परखी जा रही थी।
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बालू लेकर हर दिन पहुंच रहीं 300 नावें
मांझी, चांददियर, सिताबदियारा और लालगंज में हर दिन 300 बालू लदी नावें पहुंच रहीं हैं। नदी तट पर पानी होने की वजह से बालू कारोबारी तटबंधों पर ही नावों से बालू उतार रहे हैं। बिहार के कोइलवर, डोरीगंज, बिहटा, मनेर आदि स्थानों के नाविक नदी से चोरी कर अपनी नाव पर लाल बालू को लोड कर बिहार प्रशासन से बचकर यूपी की सीमा में पहुंचते हैं और उसे कारोबारियों से बिक्री करते हैं। इधर भारी पैमाने में लाल बालू सड़कों व तटबंधों पर ही स्टोर किया जा रहा है।
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सिचाई विभाग ने की शिकायत
बाढ़ को देखते हुए लाल बालू की तस्करी को लेकर सिचाई विभाग ने पुलिस से शिकायत की है। अधिशासी अभियंता संजय मिश्र ने बताया कि इस कारोबार के चलते कई स्थानों पर दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कई जगह कटानरोधी कार्य वाले स्थान पर भी नाव लगाकर बालू स्टोर किया जा रहा है। पानी का तटबंधों पर दबाव बनने पर इससे खतरा भी हो सकता है।