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पठन-पाठन ध्वस्त, परीक्षा केंद्र निर्धारण पर भी उठे सवाल

जिले के इंटर कालेजों में धवस्त पठन-पाठन की व्यवस्था के बीच यूपी बोर्ड परीक्षा की उलटी गिनती शुरू हो गई है। जनपद में कुल 213 परीक्षा केंद्र बनाए गए है लेकिन एडेड विद्यालय के प्रधानाचार्यों ने परीक्षा केंद्र निर्धारण में विभाग पर भेदभाव का आरोप लगाया है। इस संबंध में बैरिया तहसील के जप्रकाशनगर में स्थिति जेपी इंटर कालेज के प्रधानाचार्य विनोद सिंह ने कहा कि यह कैसा नियम है कि राजकीय विद्यालयों को स्टाफ कम होने का हवाला देकर उन्हें परीक्षा केंद्र नहीं बनाया गया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 03 Dec 2019 07:39 PM (IST)Updated: Wed, 04 Dec 2019 06:07 AM (IST)
पठन-पाठन ध्वस्त, परीक्षा केंद्र निर्धारण पर भी उठे सवाल
पठन-पाठन ध्वस्त, परीक्षा केंद्र निर्धारण पर भी उठे सवाल

जागरण संवाददाता, बलिया : जिले के इंटर कालेजों में ध्वस्त पठन-पाठन की व्यवस्था के बीच यूपी बोर्ड परीक्षा की उलटी गिनती शुरू हो गई है। जनपद में कुल 213 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं, लेकिन ऐडेड विद्यालय के प्रधानाचार्यो ने परीक्षा केंद्र निर्धारण में विभाग पर भेदभाव का आरोप लगाया है। इस संबंध में बैरिया तहसील के जप्रकाशनगर में स्थिति जेपी इंटर कालेज के प्रधानाचार्य विनोद सिंह ने कहा कि राजकीय विद्यालयों को स्टाफ कम होने का हवाला देकर उन्हें परीक्षा केंद्र नहीं बनाया गया जबकि ऐडेड विद्यालयों की भी वैसी ही स्थिति होने पर उन्हें परीक्षा केंद्र बना दिया गया। उन्होंने स्वयं के विद्यालय के उदाहरण देते हुए बताया कि उनके विद्यालय में भी मात्र दो स्टाफ हैं लेकिन उनके विद्यालय को परीक्षा केंद्र बनाने के अलावा परीक्षार्थियों की फौज भेजी जा रही है। कक्ष निरीक्षक बाहर से भेजने की बात जरूर कही जाती है लेकिन उनके आने की कोई गारंटी नहीं होती। उन्होंने बताया कि उनके विद्यालय में हाईस्कूल और इंटर के परीक्षार्थियों को मिलाकर लगभग 1200 संख्या है।

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ध्वस्त पठन-पाठन के बीच ही होगी परीक्षा

आगामी 18 फरवरी से यूपी बोर्ड परीक्षा शुरू हो रही है, लेकिन इस साल भी धवस्त पठन-पाठन के बीच ही यूपी बोर्ड की परीक्षा शुरू होगी। वजह कि इस सत्र में भी जनपद के सभी विद्यालयों में पठन-पाठन का माहौल शिक्षकों के अभाव में स्थापित नहीं हो सका। संपन्न घरों के छात्र या छात्राएं किसी कोचिग में अपने पाठ्यक्रमों की तैयारी कर रहे हैं, सामान्य घरों के बच्चों का भविष्य विद्यालयों के पठन-पाठन पर ही टिका है। जनपद में कुल राजकीय इंटर कालेजों की संख्या 30 है। वहीं अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालय 91 और वित्तविहिन विद्यालयों की संख्या 479 है। औसतन एक कालेज में प्रधानाचार्य के अलावा कम से कम सात टीचर, एक क्लर्क और एक परिचारक हर हाल में जरूरी हैं। जबकि जिले के अधिकतर इंटर कालजों में कहीं तीन तो कहीं चार शिक्षकों पर पढ़ाने की जिम्मेदारी है। सबसे खास यह कि गणित, अंग्रेजी, विज्ञान आदि प्रमुख विषयों के शिक्षकों का ज्यादा अभाव है।

-पिछले साल से कम हुई परीक्षार्थियों की संख्या

यूपी बोर्ड की परीक्षा में पिछले साल से परीक्षार्थियों की संख्या भी घटी है। पिछले साल यूपी बोर्ड परीक्षा में लगभग एक लाख 71 हजार परीक्षार्थियों ने अपना पंजीयन कराया था। इस साल हाईस्कूल व इंटर के कुल 1,59,505 परीक्षार्थी है। यानि पिछले साल की तुलना में इस साल लगभग 12 हजार परीक्षार्थी कम हो गए हैं।

-----वर्जन-----

परीक्षा केंद्र निर्धारण में मानक को ध्यान में रख कर सभी निर्णय लिए गए हैं। जहां भी स्टाफ कम हैं, वहां पर्याप्त संख्या में स्टाफ भेजे जाएंगे। कहीं भी व्यवस्था में कोई दिक्कत नहीं होगी। परीक्षा केंद्र निर्धारण में परीक्षार्थियों और परीक्षा केंद्र की दूरी का भी ख्याल रखना होता है।

भाष्कर मिश्र, डीआइओएस


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