रेलवे ट्रैक 15 किमी गायब, पुराने भवनों पर भी किया कब्जा
जागरण संवाददाता बैरिया(बलिया) पूर्वोत्तर रेलवे के उच्चाधिकारियों की उदासीनता के चलते दो
जागरण संवाददाता, बैरिया(बलिया) : पूर्वोत्तर रेलवे के उच्चाधिकारियों की उदासीनता के चलते दो रेलवे स्टेशन के भवनों व कर्मचारियों के लिए बनाए गए दर्जनों रेलवे आवासों पर वर्षों से अनाधिकृत लोग कब्जा जमाए हुए हैं। वहीं लगभग 15 किलोमीटर की लंबाई में रेलवे की पटरियां धीरे-धीरे उखाड़कर गायब कर दी गई हैं। रेलवे के अधिकारी सबकुछ जानकर भी अनजान बने हुए हैं। ऐसी स्थिति पुराने बकुल्हा रेलवे स्टेशन व पुराने सुरेमनपुर रेलवे स्टेशन तथा दोनों स्टेशनों के पास की है। अगल-बगल बने दर्जनों रेलवे आवासों का है जिसमें वर्षो से अनाधिकृत लोगों ने कब्जा जमा लिया है। बकुल्हा रेलवे स्टेशन के भवन में लोग मवेशी बांधते और भूसा रखे हैं। वहीं बगल के लोग रेलवे आवासों में सपरिवार रह रहे हैं। स्थानीय लोग बताते है कि सन 1956 में सरयू कटान छपरा-बलिया रेलखंड पर बकुल्हा से दल छपरा तक रेलवे ट्रेक के काफी नजदीक आ गया था। इसके चलते रेलवे ने पुरानी रेलवे लाइन से लगभग 2 किलोमीटर दक्षिण में नई रेलवे लाइन बनाया। बकुल्हा व सुरेमनपुर में नया स्टेशन बनाया। उसके बाद से पुराना रेलवे स्टेशन व रेलवे ट्रैक परित्यक्त रूप में छोड़ दिया गया। कतिपय रेल कर्मियों के मिली भगत से करीब 15 किलोमीटर की लंबाई में रेलवे ट्रैक को उखाड़कर धीरे-धीरे गायब कर दिया गया है। --रेलवे की जमीन पर भी अवैध कब्जा
दल छपरा रेलवे स्टेशन से पूरब नारायणगढ़ गांव के पास से बकुल्हा स्टेशन से पूरब तक रेलवे के हजारों एकड़ जमीन पर लोगों ने अवैध कब्जा जमा रखा है। पुराने रेलवे स्टेशन के बगल में सैकड़ों लोगों ने स्थाई आशियाना बना लिया है। वहीं कुछ लोग रेलवे की इस जमीन पर खेती भी कर रहे हैं। रेलवे का कोई भी जिम्मेदार अधिकारी इस मामले में कुछ बोलने को तैयार नहीं है। ---वर्जन-----
रेलवे किसी को भी अपनी संपत्तियों पर अवैध कब्जा नहीं करने देगा। यह मामला रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों के संज्ञान में हैं। शीघ्र ही इस पर कार्रवाई की जाएगी।
अशोक कुमार
जन संपर्क अधिकारी,
पूर्वोत्तर रेलवे वाराणसी