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सैलानी पक्षियों का शिकार कर रहे लोगों को ग्रामीणों ने दौड़ाया

जागरण संवाददाता बांसडीहरोड (बलिया) जनपद में सैलानी पक्षियों के शिकार को लेकर उदासीनता बरत रहे जिम्मदारों कि लापरवाही से आये दिन बड़ी मात्रा में पक्षी शिकारियों का निवाला बनते चले जा रहे हैं। गुरुवार को दवनी गांव के पास के बोहा ताल में कुछ शिकारी सैलानी पक्षियों को जहर बुझे टिड्डे चुगाकर उनका शिकार कर रहे थे। तभी पास के खेतों में पंहुचे दवनी के कुछ किसानों ने उन्हें दौड़ा लिया। किसानों के आवाज लगाने पर शिकारी मौके से भाग निकले। जबकि कुछ अचेत पक्षी वहीं छूट गए। छुटे हुए पक्षी को ग्रामीण उठाकर साथ अपने गांव ले आये जहां उन्होंने उसका इलाज किया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 12 Dec 2019 04:58 PM (IST)Updated: Thu, 12 Dec 2019 04:58 PM (IST)
सैलानी पक्षियों का शिकार कर रहे लोगों को ग्रामीणों ने दौड़ाया
सैलानी पक्षियों का शिकार कर रहे लोगों को ग्रामीणों ने दौड़ाया

जागरण संवाददाता, बांसडीहरोड (बलिया) : जनपद में सैलानी पक्षियों के शिकार को लेकर उदासीनता बरत रहे जिम्मदारों की लापरवाही से आये दिन बड़ी संख्या में पक्षी शिकारियों का निवाला बनते चले जा रहे हैं। गुरुवार को दवनी गांव के पास के बोहा ताल में कुछ शिकारी सैलानी पक्षियों को जहर बुझे टिड्डे में चुगाकर उनका शिकार कर रहे थे। तभी पास के खेतों में पंहुचे दवनी के कुछ किसानों ने उन्हें दौड़ा लिया। किसानों के आवाज लगाने पर शिकारी मौके से भाग निकले। कुछ अचेत पक्षी वहीं छूट गए। छूटे पक्षियों को ग्रामीण उठाकर साथ अपने गांव ले आये जहां उन्होंने उसका इलाज किया।

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इस दौरान ग्रामीणों की शिकायत थी कि बिद के छपरा से बड़ी संख्या में लोग आकर बोहा में पक्षियों का शिकार करते हैं। सुबह तड़के घंटे भर में उन लोगों द्वारा शिकार कर सैकड़ों पक्षियों को बटोर लिया जाता है। उनके आपराधिक प्रवृत्ति का होने की वजह से आम किसान उनके इन कृत्यों को देखकर भी चुप रहते हैं क्योंकि उन्हें कई बार दिन दोपहर खेतों में अकेले भी काम करना होता है।

शिकारियों द्वारा छोड़ कर भागी गयी चिड़िया को दिखाते हुए ग्रामीणों ने बताया कि कुछ और चिड़ियों को भी शिकारी छोड़ कर भाग गए थे लेकिन उनके पानी मे होने की वजह से उन्हें निकाला नही जा सका। बताया कि कमोबेश इसी हाल में अक्सर पक्षियों का शिकार होता है लेकिन जिम्मदारों को इसकी कोई परवाह नही है। पानी को देख कर नीचे उतरते इन प्रवासी पक्षियों की जान से जबरदस्त खिलवाड़ किया जा रहा है। इसके रोकथाम के लिए कुछ कारगर उपाय होते नही दिखाई दे रहें है।


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