कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता तो ब्लैक फंगस का ज्यादा खतरा
जागरण संवाददाता बलिया कोरोना की दूसरी लहर में वायरस म्यूटेंट होने से पहले से ज्यादा प्रभ
जागरण संवाददाता, बलिया: कोरोना की दूसरी लहर में वायरस म्यूटेंट होने से पहले से ज्यादा प्रभावी हो गया है। इस बार कम रोग प्रतिरोधक क्षमता वालों में दुर्लभ फंगल इंफेक्शन म्यूकोरमाइकोसिस (ब्लैक फंगस) के मामले भी सामने आ रहे हैं। बलिया में अभी तक इसका एक भी मामला सामने नहीं आया है।
मधुमेह रोगियों को कोविड-19 होने पर म्यूकोरमाइकोसिस का खतरा ज्यादा है। इन लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है। ऐसे लोग शुगर लेवल का ध्यान रखें। कम से कम आठ घंटे की नींद जरूर लें और तनाव से बचे रहें। मुख्य चिकित्साधिकारी डा. राजेंद्र प्रसाद ने बताया कि नकारात्मक खबरों से भी दूरी बनाकर रखें। पॉजिटिव सोचें। ध्यान रहे शुगर बढ़ने और तनाव से रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है।
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क्या है म्यूकोरमाइकोसिस:-
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) से जारी एडवाइजरी के अनुसार म्यूकोरमाइकोसिस फंगल इंफेक्शन है। यह नाक के जरिए प्रवेश करता है और शरीर में बहुत तेजी से फैलता है। मास्क के जरिए इस फंगल इंफेक्शन से बचाव में मदद मिलती है। इसलिए जब भी घर से बाहर निकलें मास्क लगाकर ही निकलें। कोविड-19 के उपचाराधीन घर में भी मास्क लगाकर रहें। म्यूकोरमाइकोसिस इंफेक्शन नाक, आँख, दिमाग, फेफड़े या फिर स्किन पर भी हो सकता है। इस बीमारी में कई लोगों की आंखों की रोशनी तक चली जाती है। वहीं कुछ मरीजों के जबड़े और नाक की हड्डी गल जाती है।
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लक्षण
-नाक में दर्द हो, खून आए या नाक बंद हो जाए
-नाक में सूजन आ जाए
-दांत या जबड़े में दर्द हो या गिरने लगें
-आंखों के सामने धुंधलापन आए या दर्द हो, बुखार हो
-सीने में दर्द
-बुखार
-सिरदर्द
-खांसी
- सांस लेने में दिक्कत
- खून की उल्टियाँ होना
- कभी-कभी दिमाग पर भी असर होता है कैसे बचें
- किसी निर्माणाधीन इलाके में जाने पर मास्क पहनें
- बगीचे में जाएं तो फुल आस्तीन शर्ट, पैंट व ग्लब्स पहनें
- ब्लड ग्लूकोज स्तर को जांचते रहें और इसे नियंत्रित रखें