Move to Jagran APP

..तब हंसते थे लोग, अब बीन्स खेती की ले रहे सीख

द्वाबा में किसान परम्परागत खेती से हटकर अब सब्जियों की खेती पर अधिक ध्यान दे रहे हैं। इस क्षेत्र के टोला बाजराय में सिताबदियारा क्षेत्र के कई किसान इसका उदाहरण बने हैं। उनमें से एक किसान हैं पुरेंद्र पांडेय जो बीन्स की खेती कर रहे हैं। पंजाब और झाड़खंड राज्य में बहुतायत मात्रा में पैदा होने वाली बींस फली की खेती, द्वाबा में भी में पसंद की जा रही है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Feb 2019 05:08 PM (IST)Updated: Mon, 18 Feb 2019 10:58 PM (IST)
..तब हंसते थे लोग, अब बीन्स खेती की ले रहे सीख
..तब हंसते थे लोग, अब बीन्स खेती की ले रहे सीख

जागरण संवाददाता बैरिया(बलिया): द्वाबा में किसान परम्परागत खेती से हटकर अब सब्जियों की खेती पर अधिक ध्यान दे रहे हैं। इस क्षेत्र के टोला बाजराय में सिताबदियारा क्षेत्र के कई किसान इसका उदाहरण बने हैं। उनमें से एक किसान हैं पुरेंद्र पांडेय जो बीन्स की खेती कर रहे हैं। पंजाब और झाड़खंड राज्य में बहुतायत मात्रा में पैदा होने वाली बींस फली की खेती, द्वाबा में भी में पसंद की जा रही है। बीएसटी बांध से पांच सौ मीटर की दूरी पर पांच बीघा में बीन्स की खेती किए किसान पुरेंद्र पांडेय बताते हैं कि प्रयोग के तौर पर उन्होंने यह खेती पहली बार 2018 में की, तब आसपास के किसान उन पर हंस रहे थे लेकिन उत्पादन देख बहुत से किसान उनसे बीन्स की खेती की सीख लेने भी पहुंच रहे हैं।

prime article banner

बींस फली की खेती करने के लिए सबसे पहले आलू की तरह खेत तैयार किया जाता है। इसके बाद 1.5 फीट की दूरी पर लाइन बनाकर 10 इंच की दूरी पर बीज बोए जाते हैं। बीज बोते समय इस बात का ध्यान रखा जाता है कि खेत में पर्याप्त नमी जरूर हो। इसलिए बोआई के साथ ही खेत के हिसाब से नाली भी बना दी जाती है। वे बताते हैं कि लोबिया, सेम व चायनीज फली के नाम से विख्यात बीन्स फली का प्रयोग शादी समारोहों में मिक्स वेज सब्जी में अब सबसे अधिक हो रहा है। डाक्टर बताते हैं कि इसकी सब्जी खाने से शुगर की बीमारी कुछ हद तक शांत रहती है। यह है देखभाल का तरीका

उन्होंने बताया कि जब मिट्टी में बीज का जमाव हो जाता है तो 15 दिनों के अंदर कीटनाशक दवाई का छिड़काव कर देना चाहिए। बीन्स फली का बीज लखनऊ में 700 रुपए प्रति किलो की दर से मिलता है। एक एकड़ में तीन किलो के आस पास बीज लगाया जाता है। यानी बीन्स फली की एक एकड़ खेती करने में लगभग छह से आठ हजार रुपए की लागत आती है। इसके अलावा यदि खेत लगान पर है तो खर्च में छह हजार और जोड़ लिया जाता है। अक्टूबर महीने ने बोई जाने वाली यह फसल, जनवरी महीने के अंत से फल देने लगती हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.