खुले स्कूल, बच्चों को लगा तिलक, बरसे फूल
कोविड-19 को लेकर लगभग एक साल बंद रहे प्राथमिक स्तर के परिषदीय अ
जागरण संवाददाता, बलिया : कोविड-19 को लेकर लगभग एक साल बंद रहे प्राथमिक स्तर के परिषदीय और निजी विद्यालय सोमवार से खुल गए। पहले दिन सभी विद्यालयों में उत्सव सा माहौल था। बच्चे भी काफी खुश थे। विद्यालयों का स्वरूप भी उन्हें बदला हुआ दिखाई दे रहा था। कोरोना काल में आपरेशन कायाकल्प के तहत लगभग 1100 विद्यालयों में कार्य कराए गए हैं।
पहले दिन गुब्बारों से सजे विद्यालयों में जब बच्चे प्रवेश किए तो गुरुजनों ने उनके माथे पर तिलक लगा फूल भी बरसाए। कहीं फल तो कहीं मिष्ठान्न वितरित किया गया। बच्चों में मास्क भी वितरित किए गए। --शिक्षकों ने विद्यार्थियों का परखा ज्ञान
बच्चों के अंदर से कोरोना का भय खत्म करने के लिए शिक्षकों ने कई तरह की नई जानकारी बच्चों को दी। कहानियों से बच्चों में मनोरंजक माहौल स्थापित किया। शिक्षकों ने पाठयक्रम के हिसाब से विद्यार्थियों के ज्ञान को परखा। दिन के हिसाब से सोमवार को कक्षा एक, पांच और छह के विद्यार्थी स्कूलों में पहुंचे थे। --पाठ्यक्रम पूरा कराने के लिए करेंगे अलग प्रयास
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी शिवनारायण सिंह ने कहा कि विद्यार्थियों के पाठयक्रम को पूरा कराने के लिए शिक्षक अलग तरीके का प्रयास करेंगे। शिक्षा विभाग की ओर से कक्षा एक से तीन के छात्रों को सहज पुस्तक भी उपलब्ध कराई गईं हैं। इससे छात्रों में पढ़ने की प्रवृति डेवलप होगी। कोरोना संक्रमण के दौरान बच्चों के लिए ई-पाठशाला संचालित की गई। इसके बावजूद बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हुई है। अब प्राथमिक कक्षाओं के सभी बच्चों का गणित और भाषा ज्ञान जानने के लिए इन विषयों में उनका प्रारंभिक आंकलन किया जाएगा दुर्जनपुर शिवरहिया के विद्यालय में पीएसी का कब्जा, नहीं हुई पढ़ाई
जागरण संवाददाता, बैरिया (बलिया) : प्राथमिक विद्यालय शिवरहिया के भवन पर पीएसी का कब्जा होने के कारण वहां बच्चों की पढ़ाई नहीं हो सकी। प्रधानाध्यापक द्वारा बीएसए को सूचना देने के बावजूद विद्यालय भवन को खाली नहीं कराया गया। दुर्जनपुर गोली कांड के बाद वहां शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए पीएसी 20वीं बटालियन के जवान दुर्जनपुर में पिछले चार महीनों से तैनात हैं। पीएसी के जवानों ने प्राथमिक विद्यालय शिवरहिया के भवन को अपना आशियाना बनाया है। विद्यालय के सभी कमरों में पीएसी के जवानों का समान, बिस्तर व असलहे रखे हुए है। जब सोमवार को बच्चे विद्यालय में पढ़ने के लिए पहुंचे तो वहां पीएसी का कब्जा देख अगल बगल भटकने लगे। प्रधानाध्यापक हरेंद्र वर्मा के आग्रह पर पीएसी वालों ने विद्यालय के एक कमरे को बच्चों को बैठने के लिए दिया लेकिन उस कमरे में बच्चे नहीं बैठ पाए।