होम आइसोलेशन में दोबारा जांच जरूरी नहीं : सीएमओ
होम आइसोलेशन का विकल्प चुनने वाले लक्षणविहीन कोरोना उपचारधीनों की आइसोलेशन की अवधि पूरी होने के बाद दोबारा कोरोना जांच नहीं कराई जाएगी। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ जितेन्द्र पाल ने दी। उन्होंने कहा कि इस संबंध में शासन से दिशा-निर्देश प्राप्त हुए हैं हांलाकि इसके साथ कुछ शर्तें भी हैं।
जागरण संवाददाता, बलिया : होम आइसोलेशन का विकल्प चुनने वाले लक्षणविहीन कोरोना उपचारधीनों की आइसोलेशन की अवधि पूरी होने के बाद दोबारा कोरोना जांच नहीं कराई जाएगी। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ जितेन्द्र पाल ने दी। कहा कि इस संबंध में शासन से दिशा-निर्देश प्राप्त हुए हैं, हांलाकि इसके साथ कुछ शर्तें भी हैं। बताया कि लक्षणविहीन कोरोना पॉ•िाटिव व्यक्ति जब दस दिन होम आइसोलेट रहकर स्वस्थ हो जाएगा और दस दिनों पश्चात तथा तीन दिन तक यदि बुखार नहीं आता है तब भी अगले सात दिनों तक उसे घर पर ही रखा जाएगा। स्वास्थ्य की स्क्रीनिग के पश्चात ही कोरोना मुक्त घोषित किया जाएगा। बताया कि स्वास्थ्य विभाग होम आइसोलेटेड व्यक्ति पर भी नजर रखेगा। शरीर का तापमान, पल्स रेट तथा आक्सीजन की संतृप्तता प्रतिदिन रिकार्ड की जाएगी।
इन शर्ताें पर रह सकते है होम आइसोलेट
घर में कम से कम दो शौचालय हो। मरीज के आइसोलेशन और परिजन से क्वारंटाइन होने का इंतजाम अनिवार्य हो। एचआइवी, अंग प्रत्यारोपण और कैंसर का पहले से उपचार लेने वाले लोग इसके पात्र नहीं होंगे। 24 घंटे देखरेख करने के लिए घर में एक व्यक्ति उपलब्ध हो जिसे केयर टेकर कहा जाएगा, जो अस्पताल से निरंतर संपर्क बनाए रखे। होम आइसोलेशन में उपचाराधीन कोविड मरीजों को मेडिकल किट के लिए पल्स ऑक्सीमीटर, थर्मा मीटर आदि स्वयं से खरीदनी होगी।