बीडीओ की संस्तुति के बाद भी रोजगार सेवक पर कार्रवाई नहीं, आक्रोश
जागरण संवाददाता रसड़ा (बलिया) रसड़ा ब्लाक क्षेत्र के बस्तौरा गांव के रोजगार सेवक रमेश
जागरण संवाददाता, रसड़ा (बलिया) : रसड़ा ब्लाक क्षेत्र के बस्तौरा गांव के रोजगार सेवक रमेश कुमार पर वित्तीय वर्ष 2017 से 2020 के दरम्यान मनरेगा मजदूरी में 5.91733 लाख रुपये के बंदरबांट व भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया है।
जांच के बाद खंड विकास अधिकारी रसड़ा प्रवीन जीत ने उक्त रोजगार सेवक की सेवा समाप्ति को उपायुक्त श्रम रोजगार मनरेगा बलिया को पत्र भेजा चुका है। रोजगार सेवक पर न तो कार्रवाई हुई और नहीं लगभग 200 से अधिक मजदूरों की मजदूरी ही अब तक मिल सकी है। इसको लेकर गांव के मजदूरों में भारी रोष है। बस्तौरा गांव के ही मनरेगा मजदूर संजीव कुमार पुत्र छोटेलाल ने रोजगार सेवक द्वारा मनरेगा मजदूरी के नाम पर भारी अनियमितता का आरोप लगाते हुए विभागीय उच्चाधिकारियों को कई बार अवगत कराया गया जिसके परिप्रेक्ष्य में 15 जून 2021 को ग्राम प्रधान सत्यप्रकाश के नेतृत्व में गांव में खुली बैठकर कर रोजगार सेवक पर कार्रवाई की संस्तुति की गई। सहायक विकास अधिकारी आइएसबी तथा सहायक विकास अधिकारी सहकारिता व अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी विकास खंड रसड़ा की संयुक्त टीम ने मनरेगा मजदूरी के लाखों रुपये के भ्रष्टाचार में रोजगार सेवक की भूमिका संदिग्ध बताते हुए अपनी जांच आख्या 22 अक्टूबर 2021 को सौंपी थी। खंड विकास अधिकारी ने बस्तौरा के रोजगार सेवक को पद से हटाने की संस्तुति मनरेगा उपायुक्त बलिया से की थी।
वर्जन
रसड़ा बस्तौरा गांव के रोजगार सेवक के विरुद्ध मनरेगा मजदूरी के नाम पर भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच कराई गई है। उसकी सेवा समाप्ति के लिए उपायुक्त श्रम रोजगार मनरेगा से कार्रवाई के लिए संस्तुति कर दी गई है। -- प्रवीन जीत, खंड विकास अधिकारी रसड़ा