जयपुर की कंपनी होगी डिबार, तब चयनित होंगी तीन कंपनियां
जागरण संवाददाता बलिया गाजीपुर से बलिया के मांझी घाट तक एनएच-31 की मरम्मत कार्य किसी युद्ध
जागरण संवाददाता, बलिया : गाजीपुर से बलिया के मांझी घाट तक एनएच-31 की मरम्मत कार्य किसी युद्ध से कम नहीं है। लाखों लोगों का जीवन चार साल से धूल के गुबार के बीच है। अभी राहत मिलते नहीं दिख रही है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ने गाजीपुर से बलिया तक 129 किमी के निर्माण के लिए 2020 में जयपुर की कंपनी कृष्णा इंफ्रास्ट्रक्चर को 102 करोड़ में टेंडर दिया था। कंपनी ने एक साल में जब 20 किमी भी कार्य नहीं किया तो एनएचएआइ ने टेंडर निरस्त करने की संस्तुति कर दी। नए सिरे से टेंडर की प्रक्रिया शुरू की है, लेकिन पुरानी कंपनी का अभी तक टेंडर निरस्त नहीं हुआ है। ऐसे में कोई भी नई कंपनी एनएच पर कार्य नहीं करा पाएगी। नई कंपनी को तभी बजट मिल पाएगा जब पुरानी कंपनी का टेंडर निरस्त होगा। पेंच को सुलझाने में एनएचएआइ अधिकारी जुटे हैं।
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पब्लिक कर रही हर दिन सवाल
सड़क को लेकर जिले के लोग अब काफी परेशान हो चुके हैं। गाजीपुर से बलिया के मांझी घाट तक यह सड़क अब 70 से 100 फीसद खराब हो चुकी है। सड़क पर उड़ते धूल और गड्ढों के कारण हर दिन दुर्घटनाएं भी हो रही हैं। सड़क पर सफर करने वाले लोग सांस रोगी बन रहे हैं। इसके बाद भी मरम्मत के लिए अधिकारी से लेकर रहनुमा तक सक्रिय मोड में नहीं है। बैरिया क्षेत्र में तो इसकी मरम्मत के लिए कई बार सड़क जाम तक किया गया। फिर भी कोई तेजी नहीं आयी। अब एनएच की मरम्मत को लेकर इंटरनेट मीडिया में व्यंग्यबाजी हो रही है।
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अब बना है 117 करोड़ का स्टीमेट
जयपुर की कंपनी का टेंडर निरस्त करने की संस्तुति के बाद करीब 129 किलोमीटर कार्य के लिए 117 करोड़ रुपये का स्टीमेट तैयार किया गया है। इसके लिए एनएचएआइ ने टेंडर भी खोल दिया है। कई कंपनियां टेंडर डाल भी भी रहीं हैं। टेंडर फाइनल करने के लिए एनएचएआइ के अधिकारी जयपुर की कंपनी के बर्खास्त होने का इंतजार कर रहे हैं।
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तीन फेज में बांटा है एनएच-31 का नया प्रोजेक्ट
- 68 किलोमीटर गाजीपुर से फेफना तक।
- 45 किलोमीटर फेफना से चिरैयामोड़ तक।
-16 किलोमीटर चिरैयामोड़ से मांझी तक।
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-एनएच-31 को लेकर दिल्ली मुख्यालय भी गंभीर है। जयपुर की कंपनी का टेंडर निरस्त होने का इंतजार किया जा रहा है। तीन भाग में कार्य कराने के लिए टेंडर खेल दिया गया है। तीनों कंपनियों का चयन बहुत जल्द होगा। उसके बाद युद्धस्तर पर कार्य होगा। -- प्रदीप कुमार श्रीवास्तव, परियोजना निदेशक, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, आजमगढ़