नाले के पास मिला नवजात, दंपती ने बचाई जान
माता-पिता ने नवजात को नाले के पास छोड़ दिया। रो-रोकर उसका बुर
जागरण संवाददाता, बलिया : माता-पिता ने नवजात को नाले के पास छोड़ दिया। रो-रोकर उसका बुरा हाल हो गया। उसकी जान खतरे में थी। तभी उधर से गुजर रहे दंपती उसके लिए भगवान बन गए और उसकी जान बच गई। राजपूत नेवरी के रहने वाले गोपाल गोंड शनिवार की सुबह पत्नी के साथ टहल रहे थे। तभी सतीश चंद्र कॉलेज के पीछे गेट के पास एक नवजात के रोने की आवाज सुनाई दी। दंपती ने वहां जाकर देखा कि एक नवजात नाले के पास पड़ा था। उन्होंने आसपास पता लगाने की कोशिश की लेकिन उसके माता-पिता के बारे में कुछ पता नहीं चला। दोनों मानवता के नाते नवजात को उठाकर के घर ले गए और प्राथमिक उपचार कराने के बाद कानूनी रूप से चाइल्ड लाइन के सुपुर्द कर दिया। चाइल्ड लाइन ने उसे जिला अस्पताल में सिक न्यू बॉर्न केयर यूनिट में भर्ती कराने के बाद कोतवाली व न्याय पीठ बाल कल्याण समिति को अवगत कराया। न्यायिक सदस्य राजू सिंह ने बताया कि नवजात के पूर्ण रूप से स्वस्थ होने तक जैविक माता-पिता संरक्षण में प्राप्त करने के लिए न्याय पीठ के समक्ष प्रस्तुत नहीं होते हैं तो किशोर न्याय अधिनियम 2015 के तहत नवजात को शिशु गृह में प्रवेश कराया जाएगा।