शुद्ध पेयजल को जूझ रहे अधिकांश गांव
शुद्ध जल स्वस्थ जीवन का आधार है ¨कतु जब यह दूषित हो जाए तो सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है उस क्षेत्र में रहने वाले लोगों की जीवन किस कदर गुजर रहा होगा। हम बात कर रहे हैं रसड़ा क्षेत्र के उन गांवों की जहां पर आर्सेनिक की मात्रा काफी बढ़ गई और इंडिया मार्का हैंडपंप दूषित जल दे रहे हैं। मजबूरी में लोग उसे पीने को विवश हैं।
जागरण संवाददाता, रसड़ा (बलिया) : शुद्ध जल स्वस्थ जीवन का आधार है ¨कतु जब यह दूषित हो जाए तो सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है उस क्षेत्र में रहने वाले लोगों की जीवन किस कदर गुजर रहा होगा। हम बात कर रहे हैं रसड़ा क्षेत्र के उन गांवों की जहां पर आर्सेनिक की मात्रा काफी बढ़ गई और इंडिया मार्का हैंडपंप दूषित जल दे रहे हैं। मजबूरी में लोग उसे पीने को विवश हैं। सबसे दयनीय स्थित ग्रामीण क्षेत्रों की है जहां इंडिया मार्का हैंडपंपों के रिबोर व समय पर मरम्मत न कराये जाने से स्थिति और भी भयावह होती जा रही है। आलम यह है कि गांव में किसी के पास सबमर्सिबल पंप है तो उसी के भरोसे दर्जनों घर पानी लेने को विवश हैं। ऐसा नहीं कि रसड़ा क्षेत्र में शुद्ध पेयजल के लिए खड़े इस संकट से जनप्रतिनिधि व प्रशासन अनभिज्ञ है ¨कतु उनकी अनदेखी लोगों को दूषित जल से होने वाली बीमारियों की दहलीज पर लाकर खड़ा कर दिया है। रसड़ा ब्लाक क्षेत्र में तो स्थित और भी बदतर होती जा रही है। क्षेत्र के खड़सरा, जाम, नरला, कोटवारी, अतरसुआ, मंदा, महराजपुर, अठिलापुरा आदि गांवों में लोगों को शुद्ध जल के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। क्षेत्रीय लोगों ने जनप्रतिनिधियों व प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराते हुए दूषित जल की समस्या से निजात दिलाने की दिशा में पानी टंकी स्थापित करने की मांग की है। वहीं खराब पड़े व दूषित पानी दे रहे इंडिया मार्का हैंडपंपों को रिबोर का अभियान चलाकर दुरुस्त कर दिया जाय तो निश्चित ही लोगों को इससे राहत मिल सकती है।